खतरनाक मोड़ पर सुरक्षा का प्रबंध, न सांकेतिक चिह्न
मौसम सर्द होने के साथ जिले में हल्के कोहरे ने दस्तक दे दी है। इसके साथ ही जिले में बने खतरनाक मोड़ (डेथ प्वाइंटों) पर सड़क हादसों की आशंका भी बढ़ रही है। इन हादसों को रोकने की दिशा में प्रशासन की ओर से अभी तक कोई खास प्रबंध नहीं किया गया है। जिला, राज्य व राष्ट्रीय मार्गों पर बने तीव्र मोड़ और चौराहों पर दुर्घटनाओं से बचने के लिए न तो किसी प्रकार के सांकेतिक चिह्न लगाए गए हैं और न ही सफेद पट्टियां लगाई गई हैं
जागरण संवाददाता, कैथल :
मौसम सर्द होने के साथ जिले में हल्के कोहरे ने दस्तक दे दी है। इसके साथ ही जिले में बने खतरनाक मोड़ (डेथ प्वाइंटों) पर सड़क हादसों की आशंका भी बढ़ रही है। इन हादसों को रोकने की दिशा में प्रशासन की ओर से अभी तक कोई खास प्रबंध नहीं किया गया है। जिला, राज्य व राष्ट्रीय मार्गों पर बने तीव्र मोड़ और चौराहों पर दुर्घटनाओं से बचने के लिए न तो किसी प्रकार के सांकेतिक चिह्न लगाए गए हैं और न ही सफेद पट्टियां लगाई गई हैं। कुछ डेथ प्वाइंट्स के पास तो सड़कों पर झाड़ियां उगी हैं, जिससे दाई व बाई तरफ से आने वाले वाहन दिखाई नहीं देते। पिछले वर्षों के आंकड़ों को देखें तो हर साल सर्दी के मौसम में जिले के ये डेथ प्वाइंट 40 से 50 लोगों की जान ले लेते हैं। इस बार भी इन चौराहों पर कई बार हादसे हो चुके हैं।
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जिलेभर में 16 जगह चिह्नित
किए गए डेथ प्वाइंट
शहर में जींद रोड बाइपास चौक, हुडा सेक्टर 19 व 20 को जोड़ने वाला चौक, अंबाला रोड बाइपास चौक, तितरम मोड़, ढांड रोड बाइपास चौक, चीका रोड पर बना बाइपास चौक, करनाल रोड बाइपास चौक, एचसीटीएम कॉलेज व विश्वकर्मा चौक डेथ प्वाइंट के रूप में चिह्नित किए गए हैं। वहीं देवबन कैंची चौक, हिसार चंडीगढ़ नेशनल हाइवे पर गांव ¨पजुपुरा, कलायत शहर का कैंची चौक, बात्ता गांव में बस अड्डा के नजदीक, गांव क्योड़क के नजदीक डेथ प्वाइंट चिन्हित किए गए हैं। ढांड का पंचमुखी चौक, गुहला का उद्यम ¨सह चौक व पूंडरी में करनाल मार्ग चौक को भी खतरनाक मोड़ माना गया है।
नगर परिषद, लोक निर्माण विभाग व वन विभाग के अधिकारियों का डेथ प्वाइंट की देखरेख का कार्य है। तीनों विभागों के अधिकारी एक दूसरे का कार्य बता अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। इस कारण हादसों का ग्राफ बढ़ रहा है।
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दिन भर लगता वाहनों का जमावड़ा
इन चौराहों पर दिन रात हल्के और भारी वाहनों का जमावड़ा रहता है। हालांकि शहर के पिहोवा चौक और करनाल रोड़ बाइपास चौक पर तो लाल बत्ती लगी है। इन पर पुलिस के कर्मचारी भी तैनात हैं, लेकिन कई चौराहे ऐसे भी हैं, जहां दिन ढलने के बाद भारी वाहनों की आवाजाही दिन से भी तेज हो जाती है। कोहरा शुरू होते ही वाहन चालकों की टेंशन बढ़ जाती है। कई सड़कें भी ऐसी हैं, जिन पर न तो सफेद पट्टियां लगी हैं और न ही ब्रेकरों पर रिफ्लेक्टर या संकेत का कोई प्रबंध है। यहां तक कि बड़ी नहरों के पुलों और ड्रेनों से पहले भी कोई चिह्न नहीं है।
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उच्चाधिकारियों के आदेशों का इंतजार, बढ़ाई जाएगी सुरक्षा :
ट्रैफिक एसएचओ रमेश चंद्र ने बताया कि हर बार इन प्वाइंटों पर सुरक्षा बढ़ाई जाती है। इस बार भी उच्चाधिकारियों की ओर से आदेश आने वाले हैं। इसके साथ ही इन प्वाइंटों पर पुलिस की ओर से अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। पट्टियां व लाइटों की व्यवस्था दूसरे विभाग करवाएंगे।