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जिले में पांच खेलों के नहीं हैं सरकारी कोच ,खिलाड़ी कैसे करें अभ्यास

जिले भर में पांच खेलों का कोई सरकारी कोच खेल विभाग की ओर से नियुक्त नहीं किया गया है। जिला खेल विभाग की ओर से उच्च अधिकारियों को कोच भेजने के लिए लिखा हुआ है लेकिन फिलहाल कोई कोच नियुक्त नहीं किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 06:39 AM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 06:39 AM (IST)
जिले में पांच खेलों के नहीं हैं सरकारी कोच ,खिलाड़ी कैसे करें अभ्यास
जिले में पांच खेलों के नहीं हैं सरकारी कोच ,खिलाड़ी कैसे करें अभ्यास

सुनील जांगड़ा, कैथल : जिले भर में पांच खेलों का कोई सरकारी कोच खेल विभाग की ओर से नियुक्त नहीं किया गया है। जिला खेल विभाग की ओर से उच्च अधिकारियों को कोच भेजने के लिए लिखा हुआ है, लेकिन फिलहाल कोई कोच नियुक्त नहीं किया गया है। बैडमिटन, तैराकी, फुटबाल, वेटलिफ्टिग, ताइक्वांडो का कोई कोच नहीं है। अकेले फुटबाल के जिले भर में करीब 150 खिलाड़ी हैं। गांव मानस में ही ज्यादातर खिलाड़ी फुटबाल का अभ्यास करते हैं।

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पट्टी अफगान स्थित स्टेडियम में फुटबाल खेल का मैदान तो है, लेकिन कोच ना होने के कारण कोई खिलाड़ी वहां नहीं आता। बैडमिटन के करीब 80 खिलाड़ी हैं। ताइक्वांडों के करीब 70 खिलाड़ी हैं। वेटलिफ्टिग के करीब 40 खिलाड़ी हैं। तैराकी के भी करीब 30 खिलाड़ी हैं। इन खेलों के खिलाड़ी निजी प्रशिक्षकों के पास ही अभ्यास करते हैं।

करीब 400 खिलाड़ियों को सरकारी कोच न होने के कारण परेशानी उठानी पड़ रही है। हालांकि जिले भर में विभिन्न खेलों के 23 कोच खेल विभाग में कार्यरत हैं। कुछ दिन पहले ही जिले को दूसरा एथलेटिक्स कोच मिला है, जिसने ज्वाइन भी कर लिया है।

जल्द मिले कोच

फुटबाल की नेशनल खिलाड़ी अर्पिता ने बताया कि सरकारी कोच न होने से परेशानी उठानी पड़ रही है। गांव मानस में ही फुटबाल की अभ्यास करवाया जाता है। अगर सरकारी कोच मिल जाता है तो शहर में भी अभ्यास शुरू किया जा सकेगा। खेल विभाग से मांग है कि जल्द से जल्द सरकारी कोच की नियुक्ति की जाए।

कोच से होगा सुधार

बैडमिटन खिलाड़ी वाकुल ने बताया कि सरकारी कोच न होने के कारण स्वयं ही अभ्यास करना पड़ रहा है। अगर कोच मिल जाए तो खेल में काफी सुधार हो सकता है। उसकी मांग है कि जल्द से जल्द बैडमिटन कोच की नियुक्ति की जाए।

प्रशिक्षक नहीं होने की सूचना उच्चाधिकारी को दी है

जिला खेल अधिकारी सतविद्र गिल ने बताया कि जिले में पांच खेलों के कोच नहीं हैं। अगर इनमें से कोई खिलाड़ी स्टेडियम में अभ्यास करने आता है तो उसकी देखरेख की जिम्मेदारी दूसरे खेल प्रशिक्षक को दी जाती है। खेल प्रशिक्षक न होने की सूचना उच्च अधिकारियों को दी हुई है।


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