रात्रि ठहराव खत्म होने से 15 गांव में बस सेवा बंद
कई महीनों से डिपो से गांव में जाने वाली रात की बस सेवा बंद कर दी गई हैं। जिले के 15 गांवों में करीब 20 बसें रात को भेजी जाती थी जो अब नहीं भेजी जा रही हैं।
जागरण संवाददाता, कैथल : कई महीनों से डिपो से गांव में जाने वाली रात की बस सेवा बंद कर दी गई हैं। जिले के 15 गांवों में करीब 20 बसें रात को भेजी जाती थी जो अब नहीं भेजी जा रही हैं। ये बसें शाम पांच बजे से साढ़े सात बजे के बीच बस स्टैंड से इन गांवों के लिए चलती थी। रात को गांव में ही बसें रुकती थी और सुबह ग्रामीणों व पढ़ने वाले बच्चों को वापस शहर में लेकर आती थी। अब ग्रामीणों को शाम के समय घर जाने के लिए निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है। सुबह स्कूल व कॉलेज आने वाले विद्यार्थियों को ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है।
सरकारी बस सेवा बंद होने के कारण उन्हें प्राइवेट बसों में सफर करना पड़ रहा है। ऐसा करने से विद्यार्थियों पर आर्थिक बोझ भी पड़ रहा है और समय भी खराब हो रहा है। विभाग की ओर से रोडवेज कर्मचारियों का रात्रि भत्ता भी खत्म किया हुआ है।
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इन गांवों में बंद हुई रात की बस सेवा
रात की बस सेवा गांव कुराड़, बरटा, संगतपुरा, खरकां, आगोंध, कौल, सिरसल, बाकल, हजवाना, कुकंडा, सेरधा, पिल्लुखेड़ा, उचाना व कलायत में बंद की गई है। इन गांवों के आस-पास स्थित छोटे गांव के ग्रामीणों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। अब विभाग की ओर से सुबह के समय कुछ गांवों में खाली बसें भेजनी पड़ रही है, जिससे डिपो को भी नुकसान हो रहा है।
बॉक्स: हो रही परेशानी
महिला जोगिद्र कौर निवासी मांजला ने बताया कि पहले गांव में रात को बसें आती थी। सुबह उन्हीं बसों में शहर समय पर आ जाते थे। अगर दिल्ली या चंडीगढ़ जाना होता था तो समय पर पहुंच जाते थे। अब परेशानी होती है।
बॉक्स: स्कूल और कालेज जाने वाले बच्चों को हो रही परेशानी
महिला स्योना देवी निवासी गांव मानस ने बताया कि रात की बस सेवा बंद करने से स्कूल व कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों को ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्हें निजी वाहनों में स्कूल आना जाना पड़ रहा है। उनकी सरकार व रोडवेज विभाग से मांग है कि गांव में बसों का रात्रि ठहराव दोबारा से शुरू किया जाए।
बॉक्स: सुबह गांव में बसें भेजी जा रही
डिपो महाप्रबंधक रामकुमार ने बताया कि उच्च अधिकारियों के आदेशों पर गांव में बसों का रात्रि ठहराव बंद किया हुआ है। डिमांड के अनुसार सुबह भी गांव में बसें भेजी जा रही हैं। यात्रियों को सुविधा देने का हर प्रयास विभाग की ओर से किया जा रहा है।