...नेताजी बहुत गंदगी है ग्योंग ड्रेन में इसकी सफाई पर दो ध्यान
शहर के सेक्टर 18 सहित कई कालोनियों से गुजर रही ग्योंग ड्रेन में गंदगी की भरमार है। यहां से उठने वाली बदबू व मच्छरों का डंक लोगों की परेशानी को बड़ा रहा है। वर्षो से सिविल अस्पताल की गंदगी को भी इसमें डाला जा रहा है। लोगों का कहना है कि राजनीतिक दलों के नेताओं को एक दूसरे पर कटाक्ष करने की बजाए पब्लिक के मुद्दों पर ध्यान देते हुए समस्याओं को दूर करना चाहिए। हुडा सेक्टर 18 में रहने वाले लोगों का कहना है कि इस बार लोकसभा चुनाव में वोट मांगने के लिए आने वाले लोगों के सामने सबसे पहले सेक्टर में फैली समस्याओं को उठाएंगे।
जागरण संवादाता, कैथल : शहर के सेक्टर 18 सहित कई कालोनियों से गुजर रही ग्योंग ड्रेन में गंदगी की भरमार है। यहां से उठने वाली बदबू व मच्छरों का डंक लोगों की परेशानी को बड़ा रहा है। वर्षो से सिविल अस्पताल की गंदगी को भी इसमें डाला जा रहा है। लोगों का कहना है कि राजनीतिक दलों के नेताओं को एक दूसरे पर कटाक्ष करने की बजाए पब्लिक के मुद्दों पर ध्यान देते हुए समस्याओं को दूर करना चाहिए। हुडा सेक्टर 18 में रहने वाले लोगों का कहना है कि इस बार लोकसभा चुनाव में वोट मांगने के लिए आने वाले लोगों के सामने सबसे पहले सेक्टर में फैली समस्याओं को उठाएंगे। सबसे बड़ी समस्या लोगों के सामने यहां से निकल रही ड्रेन में फैली गंदगी, इसके बाद बेसहारा पशु, टूटी सड़क, फैली गंदगी है। कहने को तो सेक्टर है, लेकिन यहां सुविधाओं के नाम पर लोगों से खिलवाड़ हो रहा है। चुनावों के समय जनता से वायदा कर वोट तो ले लिए जाते हैं, लेकिन जीतने के बाद कोई हालचाल तक पूछने नहीं आता। ग्योंग ड्रेन की सफाई का मुद्दा कष्ट निवारण समिति की बैठक में मंत्री अनिल विज के सामने भी उठाया जा चुका है।
शिक्षक जोगिद्र ढुल ने कहा कि ड्रेन शहर की कई कालोनियों व हुडा सेक्टर के नजदीक से गुजर रही है। इसकी सफाई को लेकर लंबे समय से संघर्ष किया जा रहा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ड्रेन की सफाई शहर का बड़ा मुद्दा है। शिक्षक सतबीर गोयत ने कहा कि सेक्टर के नजदीक से निकल रही ड्रेन बीमारियों को न्यौता दे रही हैं, लेकिन प्रशासन व सरकार इसे लेकर गंभीर नहीं है। फैली गंदगी से लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। सेक्टर 18 वासी कृष्ण ढुल ने कहा कि टूटी सड़क पर बने गड्ढे हादसों का ग्राफ बढ़ा रहे हैं। कई बार निर्माण की मांग की जा चुकी है, लेकिन कोई ध्यान प्रशासन का नहीं है। गड्ढों से टूटी सड़क पर चलाना मुश्किल हो रहा है। विजेंद्र मोर ने कहा कि कई वर्षो से टूटी पुलिया से सेक्टर दो हिस्सों में बंटा हुआ है। इसके निर्माण को लेकर बजट भी पास हो चुका है, लेकिन विभागीय अधिकारियों में आपसी तालमेल न होना रोडा बना हुआ है। बरसात के दिनों में तो यहां से निकलना मुश्किल हो जाता है। 24 घंटे लोग यहां से आते-जाते हैं, क्योंकि सिविल अस्पताल को जाने वाला यही रास्ता है।