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विधायक जीते न ¨पटू हारे, काम आए मनोहर के मोहरे

संवाद सहयोगी, गुहला-चीका: नगर पालिका चीका की चौधर को लेकर गुहला विधायक कुलवंत बाजीगर

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Oct 2017 08:53 PM (IST)Updated: Sun, 01 Oct 2017 08:53 PM (IST)
विधायक जीते न ¨पटू हारे,  काम आए मनोहर के मोहरे
विधायक जीते न ¨पटू हारे, काम आए मनोहर के मोहरे

संवाद सहयोगी, गुहला-चीका: नगर पालिका चीका की चौधर को लेकर गुहला विधायक कुलवंत बाजीगर और भाजपा नेता राजेश शर्मा ¨पटू में खींची तलवारें रविवार को अपनी म्यानों में लौट गईं। सरकार के लिए सिरदर्द बने दोनों नेताओं के विवाद में खुद सूबे के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को हस्तक्षेप करना पड़ा। मुख्यमंत्री ने जगाधरी के विधायक घनश्याम अरोड़ा को जिम्मेदारी सौंपते हुए आदेश दिए कि यह झगड़ा जितनी जल्दी खत्म हो जाए, बेहतर होगा। अरोड़ा ने कैथल में आरएसएस की पाठशाला के तीन विद्यार्थियों अरूण सर्राफ, श्याम बंसल और प्रीतम ¨जदल को इस मिशन सुलह की कमान दी। रविवार को तीनों चीका में विधायक कुलवंत बाजीगर के निवास पर पहुंचे। वहीं चेयरपर्सन अमनदीप शर्मा के पति राजेश शर्मा ¨पटू को भी बुलाया गया। इसके बाद समझौते के प्रयास शुरू हुए, जो दोपहर बाद तक सिरे चढ़ गए। आखिरकार कुलवंत बाजीगर और ¨पटू ने हाथ मिला लिए। दलील दी गई कि शहर के विकास के लिए सीज फायर का ऐलान किया है।

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सांसद की वजह से हारे थे विधायक

22 मई 2016 को नपा चीका का चुनाव हुआ था। इसके बाद एडवोकेट राजेश शर्मा ¨पटू अपनी पत्नी अमनदीप शर्मा को चेयरपर्सन बनाना चाहते थे। विधायक किसी ओर को चौधर सौंपने का मन बनाए थे। इसे लेकर ही दो गुट बन गए। 18 जुलाई को चेयरमैनी का चुनाव था, जिसमें सांसद राजकुमार सैनी ¨पटू गुट की तरफ खड़े हुए। सांसद की वोट के कारण विधायक कुलवंत बाजीगर अपनी ही बिसात पर बाजी हार गए। इसके बाद दोनों गुटों में तलवारें ¨खच गई, जिसका सीधा असर गुहला और चीका के विकास पर पड़ा। कभी कम्यूनिटी सेंटर का मुद्दा वजह बना तो कभी गोशाला। कुछ दिन पहले ¨पटू गुट के दो पार्षदों को सस्पेंड कर दिया गया, जिसका आरोप भी विरोध खेमे पर लगा। बताया जा रहा है कि जांच में दोनों पार्षदों को क्लीन चिट मिलने की संभावना है।

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शहर का विकास रुकने से

लोग हो रहे थे नाराज

विधायक व ¨पटू गुट के बीच तकरार बढ़ने व शहर के विकास ठप हो जाने से शहर के लोग नाराज हो रहे थे। स्थिति यहां तक पहुंच गई थी कि जब लोग अपने कार्यों के लिए चेयरपर्सन अमनदीप शर्मा व उनके पति राजेश ¨पटू के पास जाते तो वे यह कहकर उन्हें बैरंग लौटा देते कि विधायक विकास कार्यों में अड़ंगा डाल रहे हैं। जब लोग विधायक के पास जाते तो उनका जवाब यह होता कि वह तो विकास कार्यों के लिए ग्रांट देने के लिए तैयार हैं, लेकिन राजेश ¨पटू व चेयरपर्सन अमनदीप उनके पास ग्रांट लेने के लिए आते ही नहीं।

आरएसएस नेताओं ने निभाई

बिचौलिये की भूमिका

विधायक व कुलवंत बाजीगर के बीच दूरियों को पाटने के लिए आरएसएस के तीन नेताओं ने अहम भूमिका निभाई। इनमें अरुण सर्राफ, प्रीतम ¨जदल व श्याम बंसल का नाम शामिल है। बैठक में हलका भाजपा प्रधान मांगे राम ¨जदल भी मौजूद रहे। पिछले कुछ दिनों से दोनों गुटों में समझौते के लिए पक रही खिचड़ी गत रात्रि उस समय पक कर तैयार हो गई जब दोनों गुटों ने समझौते के लिए विधायक निवास पर रविवार को एक गुप्त बैठक करने का फैसला हुआ। बैठक से पहले यह भी फैसला हुआ कि सबसे पहले विधायक व ¨पटू में समझौता करवाया जाएगा और उसके बाद यदि जरूरत हुई तो अन्य पार्षदों को भी बुला लिया जाएगा। दो घंटे से अधिक चली बैठक में बिचौलिये विधायक व ¨पटू में समझौता करवाने में सफल हो गए। बाद में बैठक में विधायक गुट से पार्षदों को भी शामिल किया गया।

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दूर हुए शिकवे

बैठक के बाद राजेश ¨पटू व उनकी पत्नी नगरपालिका चेयरपर्सन अमनदीप शर्मा ने शहर के विकास के लिए समझौते की पुष्टि की और कहा कि कुछ समय से शहर में विकास कार्य रुके हुए थे और दोनों ही गुट एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे थे। अब बैठकर सभी गिले-शिकवे दूर कर लिए गए हैं और उम्मीद है कि शहर में अब विकास की गति रफ्तार पकड़ेगी।

विधायक ने भी की समझौते की पुष्टि

दोनों गुटों में हुए समझौते को लेकर विधायक कुलवंत बाजीगर ने भी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि आरएसएस के कुछ लोगों ने बीच में पड़कर उनके बीच में समझौता करवाया है। हालांकि उन्होंने कहा कि यह उनका न होकर पार्षदों के बीच का मामला था। बाजीगर ने कहा कि जैसे गांवों में करोड़ों रुपये की लागत से विकास कार्य हो रहे हैं, ठीक वैसे ही अब चीका शहर में भी न केवल रुके हुए कार्य शुरू करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी विकास कार्यों में रोड़ा अटकाएगा उसे 24 घंटे में हलके से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।

पहले कम्यूनिटी हाल फिर दूजा काम

समझौते के बाद विधायक समर्थक सभी पार्षदों ने हालांकि समझौते की पुष्टि तो की परंतु साथ ही यह भी कहा कि लक्खी शाह बंजारा कम्यूनिटी हाल बीच में अटका हुआ है और चेयरपर्सन ने स्वयं केस दायर करके उस पर स्टे लिया हुआ है। अब उन्हें उक्त केस वापस लेना चाहिए, क्योंकि यदि वह केस चलता रहा तो शहर का सबसे बड़ा व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के हाथों रखे गए नींव पत्थर वाला विकास कार्य रुका रहेगा तब समझौते का कोई मतलब नहीं होगा। उन्होंने आशा प्रकट की कि उक्त कम्यूनिटी हाल पर जल्द कार्य शुरू होगा। हालांकि उन्होंने कहा कि वे पहले भी विधायक के साथ थे और अब भी विधायक के साथ खड़े हैं

चेयरपर्सन के घर किया जलपान

समझौते के बाद हलका विधायक कुलवंत बाजीगर ने मुख्यमंत्री के तीनों दूतों के साथ ¨पटू के घर जाकर जलपान किया। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि ¨पटू मेरा छोटा भाई है और बड़े भाई होने के नाते अब मेरा भी फर्ज बनता है कि वे दिल खोलकर नगरपालिका के प्रत्येक काम के लिए ग्रांट देंगे। सरकार के आदेश थे कि जल्द समझौता हो ताकि रुके हुए विकास कार्य शुरू हो सकें। जैसे ही उनके पास समझौते की पेशकश आई उन्होंने उसे स्वीकार करने में एक क्षण की भी देरी नहीं लगाई। उन्होंने उम्मीद जताई कि अब दोबारा ऐसी स्थिति नहीं आने दी जाएगी और शहर के विकास को जल्द ही पंख लग जाएंगे।


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