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आज से पूंडरी में धरने पर बैठेंगे नेशनल हाईवे 152-डी मुआवजा प्रभावित किसान

राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के बैनर पर किसान भवन पूंडरी में जिले के 16 गांवों के नेशनल हाईवे 152-डी के मुआवजा प्रभावित किसानों की पंचायत हुई। किसान पंचायत की अध्यक्षता राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र आर्य दादूपुर ने की।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Jul 2019 07:50 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jul 2019 07:50 AM (IST)
आज से पूंडरी में धरने पर बैठेंगे नेशनल हाईवे 152-डी मुआवजा प्रभावित किसान
आज से पूंडरी में धरने पर बैठेंगे नेशनल हाईवे 152-डी मुआवजा प्रभावित किसान

संवाद सहयोगी, पूंडरी : राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के बैनर पर किसान भवन पूंडरी में जिले के 16 गांवों के नेशनल हाईवे 152-डी के मुआवजा प्रभावित किसानों की पंचायत हुई। किसान पंचायत की अध्यक्षता राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र आर्य दादूपुर ने की। किसान पंचायत में जिले के 16 गांवों के लोग शामिल रहे। पूंडरी तहसील के आठ गांव पूंडरी, डुलयानी, मोहना, जांबा, हजवान, बरसाना, करोड़ा, थे बड़ेला व ढांढ तहसील के सात गांव जिनमें सलीमपुर मदूद, पबनावा, चंदलाना , कौल, संगरोली फरल, खेड़ी मटरवा, राजौंद तहसील के एक गांव मंडवाल के किसानों ने भाग लिया। किसान महिलाओं और बच्चों सहित किसान भवन पहुंचे। पंचायत में सर्वस मति से पूंडरी में 27 जुलाई से धरना देने का निर्णय लिया गया। यह धरना तब तक जारी रहेगा जब तक किसानों को उचित मुआवजा सरकार नहीं दे देती। किसानों की मांग है कि भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत उन्हें दो करोड़ रुपये मुआवजा प्रति एकड़ दिया जाए।

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किसान नेता राजेंद्र आर्य ने कहा कि ये जो जमीन सरकार लेना चाहती है ये हमारी सैकड़ों पीढि़यों की विरासत है और आने वाली सैकड़ों पीढि़यों का पेट भरने का साधन है। सरकार ये क्यों नहीं समझ रही कि जमीन रबड़ नहीं है जो खींच कर बढ़ जाएगी।

राजेंद्र आर्य ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी के मुआवजा प्रभावित प्रदेश के सभी आठ जिलों के किसानों के साथ तालमेल कर लिया गया है। शीघ्र ही प्रदेश स्तरीय आंदोलन के लिए रूपरेखा तैयार की जाएगी। नव सृजित हाईवे 152-डी के लिए सरकार द्वारा किसानों की अधिगृहित जमीन का मुआवजा काफी कम दिए जाने से किसानों में नाराजगी है। किसानों का कहना है कि देश के अन्नदाताओं को सरकार गुमराह करके जमीन हथिया लेती है। किसान अपने हकों की लड़ाई के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। भूमि अधिग्रहण कानून में सुधार के लिए किसान संसद तक जाएंगे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक किसानों की आय दोगुणा करने का वादा किया हुआ है, मगर सरकार की कार्यप्रणाली किसानों की आमदनी को कम करने वाली है। किसान को सड़क पर लाने का काम किया जा रहा है। अंग्रेजों द्वारा लाए गए 1894 भूमि अधिग्रहण कानून व वर्तमान कानून 2013 में कोई अंतर नहीं है। किसानों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। इस अवसर पर इंजीनियर कलीराम मोहना, ब्रजराज कौल, सुरजीत करोड़ा, चरण सिंह करोड़ा, कुलदीप सिंह, प्रेम सिंह डुलयानी, रणधीर सिंह, रघुबीर सिंह खेड़ी मटरवा, हंसराज, जसबीर मोहना, रामफल, घनश्याम, भानराम, अजरुन सिंह, रामदिया व भलाराम आदि मौजूद रहे।

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किसान नेता राजेंद्र आर्य ने इंजीनियर कलीराम मोहना को प्रदेश संगठन सचिव का नियुक्तिपत्र दिया और चरण सिंह करोड़ा व रोशनलाल डुलयानी को धरने के लिए कैशियर नियुक्त किया।

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