परिवार के सदस्यों को सुनाई पाकिस्तान से सीवन आने की कहानी
सीवन निवासी 78 वर्षीय श्याम लाल मेहता इन दिनों लॉकडाउन के कारण अपने घर में अपने परिवार के सदस्यों के साथ समय व्यतीत कर रहे हैं।
संवाद सहयोगी, सीवन : सीवन निवासी 78 वर्षीय श्याम लाल मेहता इन दिनों लॉकडाउन के कारण अपने घर में अपने परिवार के सदस्यों के साथ समय व्यतीत कर रहे हैं। श्याम लाल को नगर के लोग दिल्ली वाले के नाम से भी जानते हैं। श्याम लाल मेहता बताते हैं कि जब बंटवारा हुआ था तो उन्हें जिला सिरसा में जमीन अलॉट हुई थी और वह काफी समय तक रहे, लेकिन वहां का पानी उन्हें रास नहीं आया। उसके बाद वह परिवार के साथ कैथल जिला के सीवन गांव में आकर बस गए। सीवन के नजदीक सोथा गांव में उन्होंने जमीन ली और यहां खेती करने लगे।
जीवन के अनुभवों के बारे में मेहता बताते हैं कि उन्होंने अपने जीवन में बहुत कुछ देखा है और बहुत कुछ झेला भी है। बंटवारे का दंश आज भी उन्हें याद है। चाहे उस समय वह बहुत छोटे थे परंतु वह सब अभी भी उनके जहन में है। उन्होंने अपने बुजुर्गो से भी इसके बारे में बहुत सुना है कि वह बहुत बुरा समय था। इसके बाद देश तीन बार युद्ध के दौर से भी गुजरा और उस समय भी देश के लोगों ने बुरा समय देखा। उन्होंने कहा कि आज का समय बिलकुल अलग है। आज हमें पता ही नहीं है कि हमारा दुश्मन कहा है और कैसा है। इससे तो केवल बचाव ही किया जा सकता है इस दुश्मन पर हमला नहीं किया जा सकता। वह अपने परिवार के सदस्यों को भी यही समझाते हैं कि केवल अपना बचाव रखें और अनावश्यक कार्य के लिए बाहर न निकलें। उनके पुत्र रजत मेहता कृषि कार्य करते है व पुत्रवधु सलोनी मेहता और पोती दिवांशी मेहता, पोता आरव मेहता शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं उनके साथ रहते हैं। बच्चे भी आजकल घरों में ही रहते हैं और अपने खाने के समय और चाय पीते हुए अपने दादा के साथ बैठ कर उनकी कहानियों और उनके बचपन के किस्सों को सुनते हैं।