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जमीन की बोली को लेकर नपा सचिव व अध्यक्ष में तकरार

फोटो संख्या : 35 -बोली बीच में छोड़कर जाते अधिकारियों को ग्रामीणों ने घेरा नगर पालिका चीका की जमीन की बोली को लेकर अध्यक्ष व सचिव के बीच खूब तकरार हुई। पालिका सचिव ने सलेमपुर स्थित चार एकड़ जमीन की यह कहकर बोली करवाने से इनकार कर दिया था कि यह भूमि स्वर्ण जयंती पार्क के लिए आरक्षित की गई है, इसलिए इसकी बोली नहीं करवाई जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 May 2018 11:50 PM (IST)Updated: Wed, 30 May 2018 11:50 PM (IST)
जमीन की बोली को लेकर नपा सचिव व अध्यक्ष में तकरार

फोटो संख्या : 35

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-बोली बीच में छोड़कर जाते अधिकारियों को ग्रामीणों ने घेरा

संवाद सहयोगी, गुहला-चीका : नगर पालिका चीका की जमीन की बोली को लेकर अध्यक्ष व सचिव के बीच खूब तकरार हुई। पालिका सचिव ने सलेमपुर स्थित चार एकड़ जमीन की यह कहकर बोली करवाने से इनकार कर दिया था कि यह भूमि स्वर्ण जयंती पार्क के लिए आरक्षित की गई है, इसलिए इसकी बोली नहीं करवाई जाएगी।

लोगों की ओर से विरोध में शोर मचाए जाने पर पालिका अध्यक्ष अमनदीप कौर शर्मा ने कहा कि अधिकारी अपने स्तर पर कैसे किसी भी जमीन को पार्क के लिए आरक्षित कर सकते हैं। यह अधिकार चुने हुए प्रतिनिधियों का है। तमाम निर्वाचित पार्षदों ने इसके लिए गोशाला के पास वार्ड 12 में जमीन देने का प्रस्ताव पास कर रखा है। पास बैठे एसडीएम संयम गर्ग ने भी जब सलेमपुर वाली जमीन की बोली करवाने की हामी नहीं भरी तो पालिका अध्यक्ष के समर्थक पार्षद भी अधिकारियों के टेबल के सामने जमा हो गए और कब्जाधारियों को जमीन पर कब्जा करने का मौका देने का आरोप लगाने लगे।

विवाद का विषय बनी यह वही चार एकड़ जमीन है जिस पर पिछले दिनों कुछ अज्ञात लोगों ने मिट्टी डालकर कब्जे का प्रयास किया था। नगर पालिका ने बाद में वहां से डाली गई मिंट्टी हटवाकर जमीन की तारबंदी करवा दी थी।

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फिर परचा क्यों बंटवाया :

अधिकारियों के इंकार करने के बाद किसान भड़क उठे थे कि अगर आपने किसी भू-भाग की बोली नहीं करवानी थी तो उसके लिए शहर में पर्चे क्यों बंटवाए थे। दो रोज पहले पालिका ने शहर भर में एक पर्चा बंटवाकर हर साल की तरह अपनी 90 एकड़ जमीन को खुली बोली करवा एक साल के लिए पट्टे पर देने का ऐलान किया था। किसानों से बोली देने के लिए जरूरी सिक्योरिटी राशि भी जमा कर ली गई, लेकिन जब बोली देते सलेमपुर स्थित डीएवी कालोनी के साथ सटी जमीन का नंबर आया तो पालिका सचिव ने यह कहकर बोली करवाने से मना कर दिया। इतना सुनते ही बोली देने आए किसान भड़क उठे। लोगों के तेवर देखते हुए अधिकारी बोली बीच में ही छोड़कर उठ खड़े हुए। हालांकि अभी 90 में से 40 एकड़ जमीन की बोली ही निपट पाई थी।

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पहले कारण बताओ, फिर जाना :

सचिव बोली बीच में छोड़कर जाने लगे तो तकरीबन आधा दर्जन नगर पार्षद व किसान उनके रास्ते में आ खड़े हुए कि पहले बोली रद करने का कारण लिखकर जाओ, फिर जाने देंगे। पालिका सचिव के यह कहने पर कि डीसी कैथल ने उक्त जगह स्वर्ण जयंती पार्क के लिए छोड़ने को कहा है तो पार्षदों ने कहा कि यही लिख दो और हाऊस छोड़कर फिर जाओ।

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लोकतंत्र की हत्या का मामला है ये :

वार्ड 17 के पार्षद बलकार ¨सह बल्लू ने कहा कि यह सीधे लोकतंत्र की हत्या है। बल्लू ने कहा कि अधिकारियों का काम सिर्फ पालिका हाउस में पारित किए गए कार्यों पर अमल करना है, लेकिन यहां तो पारित प्रस्तावों को दरकिनार करके अपनी चलाई जा रही है।

वर्जन :

नगर पालिका ने दो दिन पहले जिस जमीन से कब्जा हटवाया था उसे फिर बिना पट्टे पर दिए खाली छोड़ा जा रहा है। यह उन लोगों के लिए फिर अवसर उपलब्ध करवाने वाली बात है जो यहां पहले भी कब्जे की कोशिश कर चुके हैं। हम इस मसले पर चुप नहीं बैठेंगे।

-अमनदीप कौर, चेयरपर्सन नपा चीका

वर्जन :

90 एकड़ जमीन की बोली करवा दी गई, जो लगभग पूरी हो चुकी है। दो प्लाटों की बोली नहीं करवाई गई। इन्हें पिछली बार की बोली की सूची में नहीं रखा गया था। इस बार चेयरपर्सन ने नियमों के खिलाफ होकर इसे सूची में रखा जो कि ठीक नहीं था।

- कुलदीप मलिक, सचिव नपा चीका।


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