मां रोज बनाती है सौ मास्क अध्यापक बेटा बांट रहा
मास्टर सुनील दत्त शर्मा अपने हैंड बैग से सफेद सूती कपड़े के मास्क लोगों में बांट रहे हैं। गांव भाटियां के सरकारी प्राइमरी स्कूल में बतौर प्राथमिक शिक्षक कार्यरत मास्टर सुनील दत्त शर्मा 11 अध्यापकों की टीम में शामिल हैं।
संवाद सहयोगी, गुहला-चीका : मास्टर सुनील दत्त शर्मा अपने हैंड बैग से सफेद सूती कपड़े के मास्क लोगों में बांट रहे हैं। गांव भाटियां के सरकारी प्राइमरी स्कूल में बतौर प्राथमिक शिक्षक कार्यरत मास्टर सुनील दत्त शर्मा 11 अध्यापकों की टीम में शामिल हैं।
यह टीम कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए बरते जाने वाली सावधानियों को लागू करवाने के लिए बाजार में रेडक्रॉस काउंसलर के रूप में तैनात की गई है। वे बाजार में रोजाना तकरीबन सौ मास्क बांट जाते हैं।
शर्मा ने बताया कि प्रशासन ने तकरीबन एक महीना पहले जब लॉकडाउन में ढील देकर बाजार को थोड़ा बहुत खुलवाना शुरू किया तो कुछ अध्यापकों की ड्यूटी बाजार की व्यवस्था संभालने के लिए लगा दी। उनकी माता संतोष देवी ने उनके हैंडबैग में एक संस्था द्वारा मुहैया करवाए गए सर्जिकल मास्क व हरे मोटे कपड़े के मास्क देखे थे। माता ने कहा कि इस तरह के मास्क तो पूरा दिन पहनने में बहुत परेशानी होती होगी।
माता संतोष देवी ने उन्हें पैसे निकालकर दिए और उनके कहने पर उन्होंने सफेद सूती कपड़े का थान और इलास्टिक की गुच्छी लाकर दे दी। उसी दिन से यह सिलसिला शुरू हो गया है। माता हर रोज सौ से ज्यादा मास्क बना देती हैं और वे बाजार में पूरा दिन इन मास्कों को लोगों में बांट आते हैं। संतोष देवी को मास्क बनाने के लिए रोजाना दो घंटे से ज्यादा समय लगाना पड़ता है। जब उनसे पूछा कि यह करके आपको क्या मिलता है तो उन्होंने कहा कि संतोष मिलता है और क्या चाहिए।