200 से अधिक प्राइमरी स्कूलों में नहीं सफाई कर्मचारी
जिला के 350 से अधिक राजकीय प्राइमरी स्कूलों में दो सौ से अधिक प्राइमरी स्कूलों में सफाई व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी नहीं है। इस कारण स्कूलों में सफाई से लेकर कागजात पत्र की डाक व चपरासी के अन्य कार्य नहीं हो पाते हैं जिससे यहां पर बच्चे खुद ही पानी पिलाते हैं।
जागरण संवाददाता, कैथल :
जिला के 350 से अधिक राजकीय प्राइमरी स्कूलों में दो सौ से अधिक प्राइमरी स्कूलों में सफाई व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी नहीं है। इस कारण स्कूलों में सफाई से लेकर कागजात पत्र की डाक व चपरासी के अन्य कार्य नहीं हो पाते हैं, जिससे यहां पर बच्चे खुद ही पानी पिलाते हैं।
हाल ही में सरकार की ओर से चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की नियुक्ति तो की गई है, लेकिन बावजूद इसके प्राइमरी स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी नहीं आ सके हैं। स्कूलों में सफाई भी नहीं हो पाती है। कुल 372 में से केवल 100 स्कूलों में ही सफाई के लिए पार्ट टाइम कर्मचारी लगाए गए है। सुबह के समय ही दो घंटे तक कर्मचारी स्कूलों में सफाई करके वापस चले जाते हैं।
स्कूलों में सफाई व्यवस्था
बदहाल,बीमारियों का भय :
सफाई कर्मचारी नहीं होने से प्राइमरी स्कूलों में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। इस समय बारिश व मच्छरों का मौसम है जिस कारण स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को मच्छरों के प्रकोप से होने वाली बीमारियों का भी भय बना है। स्कूलों में सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति हो, इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। स्कूलों में हर वर्ष फोगिग कराने का कार्य किया जाता है, लेकिन इस बार किसी भी स्कूल में फोगिग नहीं हो पाई है।
नहीं मिली अनुमति : सिरोही
जिला शिक्षा अधिकारी शमशेर सिंह सिरोही ने बताया कि वर्ष 2013 में सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी। छह वर्षों से सरकार ने सफाई कर्मचारियों को नियुक्त नहीं किया है। विभाग के पास सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए सरकार की तरफ से अनुमति नहीं है, जैसे ही कोई आदेश आएंगे तो उस अनुसार काम किया जाएगा।