फसल अवशेषों को मिंट्टी में मिलाने बढ़ेगी उर्वरा शक्ति
कृषि विज्ञान केंद्र में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर एक दिवसीय किसान मेले का आयोजन किया गया। मेले में 600 किसानों ने भाग लिया। गन्ना अनुसंधान केंद्र उचानी करनाल के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. समर ¨सह, डॉ. धर्मवीर यादव, डॉ. जेएन भाटिया व कौल स्थित कृषि विश्वविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. रमेश वर्मा ने मेले में विशेष रूप से शिरकत की। उन्होंने प्रदर्शनी के अवलोकन के साथ ही किसानों के साथ फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर गहनता से बातचीत की।
जागरण संवाददाता, कैथल : कृषि विज्ञान केंद्र में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर एक दिवसीय किसान मेले का आयोजन किया गया। मेले में 600 किसानों ने भाग लिया।
गन्ना अनुसंधान केंद्र उचानी करनाल के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. समर ¨सह, डॉ. धर्मवीर यादव, डॉ. जेएन भाटिया व कौल स्थित कृषि विश्वविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. रमेश वर्मा ने मेले में विशेष रूप से शिरकत की। उन्होंने प्रदर्शनी के अवलोकन के साथ ही किसानों के साथ फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर गहनता से बातचीत की। एकतरफा संबोधन की जगह कृषि अधिकारियों ने किसानों से बीच बीच में उनके सवाल भी लिए। सवालों के जवाब देते हुए डॉ. समर ¨सह ने कहा कि फसल अवशेषों को मिट्टी में मिलाकर ही फसल संबंधी 90 प्रतिशत समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। वर्तमान में केमिकल और पेस्टीसाइड के उपयोग से भूमि की उपजाऊ शक्ति खत्म हो चुकी है। इसलिए खेती की जमीन को हमें अनावश्यक केमिकल व पेस्टीसाइड से बचाना होगा। इसके लिए सबसे पहले फसल अवशेषों को मिट्टी में मिलाएं। उसके बाद भी समस्याएं रहती हैं तो कृषि अधिकारियों से संपर्क करें।
डॉ. धर्मवीर यादव ने किसानों को रबी की फसलों में खरपतवार प्रबंधन की जानकारी देते हुए किसानों से वैज्ञानिकों की सिफारिश अनुसार ही खरपतवार नाशकों का प्रयोग करने की अपील की। डॉ. रमेश वर्मा ने कहा कि किसान अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए खेती-बाड़ी के साथ-साथ वानिकी भी अपनाएं। इससे पर्यावरण को स्वच्छ रखने में भी मदद मिलेगी। इस अवसर पर एडीओ सज्जन ¨सह, प्रगतिशील किसान कुशप पाल ¨सह, महेंद्र ¨सह रसीना, राजेश सिकंदर खेड़ी, अंग्रेज ¨सह, लक्ष्मी आनंद, गुरदयाल ¨सह, ईश्वर ¨सह कुंडू, बसाऊ राम व गुलाब ¨सह मौजूद थे।
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किसानों को किया सम्मानित
मेले में फसल अवशेष प्रबंधन के दौरान सराहनीय कार्य करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से सम्मानित किया गया है। किसानों को प्रशंसा पत्र, स्मृति चिह्न और शॉल भेंट किया गया।
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फसल अवशेष प्रबंधन के लिए
दो गांव लिए हैं गोद
केंद्र संयोजक डॉ. देवेंद्र चहल व डॉ. जसबीर ¨सह ने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन के तहत हजवाना व रसीना गांव को गोद लिया गया है। इन गांव में विशेष रुप से किसानों को प्रशिक्षण के अलावा निबंध प्रतियोगिता व रैली निकालकर भी जागरूक करने का प्रयास किया गया है।