वेरिफिकेशन से 38601 किसान प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना से बाहर
प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना के तहत वेरिफिकेशन में अपात्र पाए जाने पर सातवीं किस्त में उनका नाम से काट दिया गया है।
सोनू थुआ, कैथल
प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना के तहत वेरिफिकेशन में अपात्र पाए जाने पर सातवीं किस्त में उनका नाम से काट दिया गया है। इन किसानों को भविष्य में निधि योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। इससे योजना में शामिल किसानों की संख्या पहले से कम हो गई है। इससे विभाग के राजस्व को फायदा हुआ है। जिला में इसके तहत पहली किस्त में एक लाख 21 हजार 158 किसान पात्र थे। वेरिफिकेशन के बाद दूसरी किस्त में यह संख्या घटकर एक लाख 20 हजार 954 तक पहुंच गई। तीसरी किस्त में यह संख्या एक लाख 14 हजार पांच तक रही। चौथी किस्त में किसानों की संख्या घटकर एक लाख सात हजार 442, पांचवीं किस्त में किसानों की संख्या एक लाख चार हजार 805 और छठी किस्त में यह घटकर 96 हजार 961 तक रह गई। सातवीं किस्त में 83 हजार 443 किसान ही पात्र बचे हैं। 38 हजार 601 किसान अपात्र मिले हैं।
अब इनको नहीं मिलेगा लाभ
डाक्टर, वकील और इंजीनियर जैसी प्रोफेशनल नौकरी करने वाले लोगों को स्कीम का फायदा नहीं मिलेगा। इसके अलावा सरकारी श्रेणी के लोगों को इस स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा। राज्य सरकार ऐसे किसानों की जोत के साथ उनके बैंक खाते और अन्य ब्योरा केंद्र सरकार को मुहैया कराती है, उसकी पुष्टि के बाद केंद्र सरकार ऐसे किसानों के बैंक खातों में सीधे धन जमा करती है।
क्या है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक योजना है। इसमें किसानों की आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इसके तहत सभी किसानों को न्यूनतम आय सहायता के रूप में प्रति वर्ष छह हजार रुपये सालाना मिल रहा है। यह योजना एक दिसंबर 2018 से लागू गई थी। योजना के तहत छह हजार रुपये प्रति वर्ष प्रत्येक पात्र किसान को तीन किस्तों में भुगतान किया जाता है। किसानों के लिए यह योजना उपयोगी सिद्ध हुई है। बोआई से ठीक पहले नगदी संकट से जूझने वाले किसानों को इस नगदी से बीज, खाद और अन्य इनपुट की उपलब्धता में सहूलियत मिल रही हैं।
बॉक्स
प्रधानमंत्री सम्मान निधि किस्त लेने के लिए किसान को पहले अटल सेवा केंद्र पर आनलाइन आवेदन कराना होता है। उसके बाद विभाग आवेदनों की वेरिफिकेशन करता है। दो महीनों के बाद विभाग की तरफ से किसानों के खाते में राशि डाली जाती है। इसमें किसान का आधार कार्ड नंबर व किला नंबर की जांच होती है। विभाग की तरफ से ब्लाक लेवल पर भी किसानों के आवेदन लिए जाते हैं। कागज कार्रवाई की कमी को दूर करने के लिए कृषि उपनिदेशक कार्यालय व उपमंडल अधिकारी कार्यालय से किसान संपर्क कर सकते हैं।
कृषि विभाग के कर्मचंद ने बताया कि विभाग की तरफ से वेरिफिकेशन किया गया है, अपात्र किसानों को लिस्ट से हटाया जा रहा है। डॉक्टर, वकील और इंजीनियर को भी इस स्कीम से बाहर किया गया है। सरकारी कर्मचारी भी इस स्कीम का फायदा नहीं ले सकता है।