एलिवेटेड ट्रैक के निर्माण पर मनोहर मुहर
शहर में मुख्यमंत्री की ओर से एलिवेटेड ट्रैक के निर्माण की घोषणा के बाद इस पर मनोहर मुहर भी लग चुकी है। अब कुरुक्षेत्र-नरवाना रेलवे लाइन पर यातायात को कम करने के लिए 191.73 करोड़ रुपये की लागत से एलिवेटेड रेलवे ट्रेक का निर्माण किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, कैथल : शहर में मुख्यमंत्री की ओर से एलिवेटेड ट्रैक के निर्माण की घोषणा के बाद इस पर मनोहर मुहर भी लग चुकी है। अब कुरुक्षेत्र-नरवाना रेलवे लाइन पर यातायात को कम करने के लिए 191.73 करोड़ रुपये की लागत से एलिवेटेड रेलवे ट्रेक का निर्माण किया जाएगा। इसके मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंजूरी दे दी है। इस परियोजना पर हरियाणा सरकार की ओर से 131.73 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। कुल 3.89 किलोमीटर लंबाई की इस परियोजना पर कुल खर्च 191.73 करोड़ रुपये होगा, जिसमें एलिवेटेड ट्रैक की लंबाई 2.120 किलोमीटर है। परियोजना के क्रियान्वित होने से शहर के इस क्षेत्र में यातायात सुगम होगा और तीन फाटक स्थाई रूप से बंद हो जाएगी। बता दें कि वीरवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस ट्रैक के निर्माण के लिए बजट को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसका लंबे समय से शहर को इंतजार था।
बता दें कि करनाल रोड पर आरओबी के निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद दुकानदारों के विरोध के बाद रेल मार्ग पर पिछले वर्ष सीएम मनोहर लाल ने एलिवेटेड ट्रैक बनाने की घोषणा की थी। इसके निर्माण को लेकर पिछले वर्ष दिसंबर में सर्वे करने वाली एजेंसी ने अब रिपोर्ट को फिजिबल बताकर पीडब्ल्यूडी विभाग को सौंपी थी। पिछले वर्ष दिसंबर महीने में इस प्रोजेक्ट की डीपीआर जिला प्रशासन ने रेलवे बोर्ड को भेजी गई थी। इस प्रोजेक्ट को हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन ने पास करना था। पिछले सप्ताह ही इसे पास करने के बाद इसे सरकार की मंजूरी के लिए भेजा गया था, अब सीएम ने इसे मंजूरी दे दी है।
साढ़े चार नहीं, 3.90 किलोमीटर लंबा होगा ट्रैक :
रेलवे स्टेशन के समीप बने जींद रोड पर बने आरओबी से 100 मीटर की दूरी के बाद गांव भैणी माजरा तक करीब 3.90 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ट्रैक बनाने की योजना बनाई गई है। शहर में बने नया कैथल रेलवे हॉल्ट को भी ऊंचा उठाया जाएगा। ट्रैक के निर्माण के बाद शहर के बीचों-बीच गुजरने वाले तीन रेलवे फाटक भी खत्म हो जाएंगे। इन फाटकों में देवीगढ़ रोड, करनाल रोड और नए बस स्टैंड के समीप स्थित फाटक खत्म हो जाएगा। यहां से ट्रैक ऊपर होगा, जबकि ट्रैफिक नीचे चलेगा। इससे जाम की समस्या और बार बार बंद होने वाले फाटक का झंझट खत्म होगा।