आदर्श गांव सीवन में वर्षो से हैं कई मुद्दे अधूरे
पटियाला-कैथल हाइवे पर बसा गांव सीवन को जिला प्रशासन ने आदर्श ग्राम योजना में शामिल किया है लेकिन इस गांव में विकास कम समस्या ज्यादा है। 14 हजार की आबादी वाले इस गांव में कई मुद्दे वर्षो से अधूरे हैं।
दयानंद तनेजा, सीवन
पटियाला-कैथल हाइवे पर बसा गांव सीवन को जिला प्रशासन ने आदर्श ग्राम योजना में शामिल किया है, लेकिन इस गांव में विकास कम समस्या ज्यादा है। 14 हजार की आबादी वाले इस गांव में कई मुद्दे वर्षो से अधूरे हैं। अब लोकसभा चुनाव आते ही ये मुद्दे फिर से उठने लगे हैं। इनमें कैथल से पटियाला वाया सीवन, गुहला रेलवे लाइन, महिला कॉलेज, गैस एजेंसी, बस अड्डा सहित अन्य मांगें जो आज तक भी अधूरी हैं।
लोकसभा चुनाव को लेकर गांव में क्या माहौल है, इसे जानने के लिए दैनिक जागरण की टीम गांव में पहुंची। गांव के बस अड्डा के नजदीक ताश की बाजी लगा रहे बुजुर्गो के अलग-अलग धड़े बने थे। जैसे ही वहां चुनावी चर्चा हुए तो एक बुजुर्ग ने कहा कि गांव में 40 हजार की आबादी है, लेकिन फिर भी कई मुद्दे ऐसे हैं जो आज भी अधूरे हैं, चुनाव में तो नेता वोट मांगने के लिए आ जाते हैं, लेकिन इसके बाद गांव की हालात पर कोई ध्यान नहीं देता। गांव की 14 हजार से अधिक वोट हैं जो किसी भी प्रत्याशी के भाग्य का फैसला करने में अहम भूमिका निभाते हैं। चाहे विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव सीवन में विशेष स्थान रखता है। एमपी का कार्य क्षेत्र बहुत बड़ा होता है और वह कभी कभार ही क्षेत्र में दौरे पर आते हैं लेकिन उसके बावजूद भी लोगों को उनसे आशाएं बहुत होती हैं। सीवन के लोगों को भी अपने एमपी से बहुत सी अपेक्षाएं हैं। हर बार चुनाव में सीवन के लोग आशा करते हैं कि उनके क्षेत्र के विकास में कार्य हों और देश की प्रगति के साथ साथ उनका क्षेत्र भी प्रगति की राह पर आगे बढ़े।
बाक्स- रेल ट्रैक निर्माण मुख्य मुद्दा
ग्रामीण रतन सिंह ने बताया कि कैथल से पटियाला रेल लाइन का सर्वे तो हर साल हो जाता है और बजट के आस पास पूरा शोर होता है कि सर्वे हो गया है और इस बार तो रेल लाइन बन ही जाएगी। इस बार भी चुनाव का मुख्य मुद्दा रेल लाइन है। इससे क्षेत्र का विकास होगा, व्यापार बढ़ेगा और बड़े शहरों के साथ सीवन का सम्पर्क हो पाएगा।
बाक्स- कन्या कालेज की मांग नहीं हुई पूरी
जोगी राम ने बताया कि गांव में कन्या कालेज का मांग भी बहुत पुरानी हैं लेकिन पूरी नहीं हुई है। बहुत सी कन्याओं को दस जमा दो के बाद शिक्षा छोड़नी पड़ती हैं क्योंकि उच्च शिक्षा के लिए शहरों में जाना पड़ता है और बहुत से अभिभावक अपनी बेटियों को शहरों में जाने से रोकते हैं इस कारण से उच्च शिक्षा गांवों देहात की लड़कियों के लिए महज सपना बन कर रह जाता है। इसके कारण से सीवन व आस पास के सभी गांवों की छात्राओं को अपनी उच्च शिक्षा का त्याग करना पड़ता है।
गांव में आइटीआइ की मांग अधूरी
फूला राम ने कहा कि क्षेत्र में कोई आइटीआइ भी नहीं है जिससे सीवन व आस पास के युवाओं को व्यवसायिक शिक्षा के लिए या तो कैथल या फिर चीका का रुख करना पड़ता है जोकि युवाओं के लिए समय और पैसा दोनों का नुकसान होता है। यदि सीवन में कोई आइटीआइ का निर्माण हो जिससे युवा शक्ति सही प्रकार से प्रशिक्षण ले सके।