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मंडियों में पीआर और 1509 धान के भाव मिल रहे कम, किसान निराश

मंडियों में पीआर धान सरकारी रेट से कम बिकने के कारण किसान मायूस हैं। किसानों का कहना है कि कहने को तो 1888 रुपये सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है लेकिन इसके बावजूद किसानों को 1800 से भी कम रेट मिल रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 06:42 AM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 06:42 AM (IST)
मंडियों में पीआर और 1509 धान के भाव मिल रहे कम, किसान निराश

जागरण संवाददाता, कैथल : मंडियों में पीआर धान सरकारी रेट से कम बिकने के कारण किसान मायूस हैं। किसानों का कहना है कि कहने को तो 1888 रुपये सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है, लेकिन इसके बावजूद किसानों को 1800 से भी कम रेट मिल रहे हैं। इस कारण किसानों को 88 रूपये प्रति क्विंटल नुकसान हो रहा है। किसानों की फसल में नमी और चावल का टुकड़ा बताते हुए कम खरीदा जा रहा है। इसी तरह से पीआर धान के रेट भी कम मिल रहे हैं। पिछले साल 2700 से 2800 रुपये तक धान बिका, लेकिन इस बार 1509 के भाव 1800 से भी कम मिल रहे हैं। इस कारण किसानों को 700 से 800 रुपये नुकसान हो रहा है। इस बार सीजन में काफी दिक्कत आ रही है। किसानों और आढ़तियों ने बताया कि जो धान खरीद एजेंसियों द्वारा खरीदा गया है, उसका भुगतान भी अभी तक नहीं हो पाया है।

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1790 रुपये प्रति क्विंटल खरीदा गया पीआर धान

किसान तेलू राम ने बताया कि पांच एकड़ में पीआर धान लगाया हुआ था। सरकार की तरफ से 1888 रेट निर्धारित किया गया है, लेकिन धान को 1790 रुपेय प्रति क्विंटल खरीदा गया है। इससे फसल का खर्च भी पूरा नहीं हो रहा है।

नमी बताकर लूटा जा रहा है किसानों को

किसान रामपाल सिरटा ने बताया कि पीआर धान को सरकारी रेट पर नहीं खरीदा जा रहा है। नमी बताकर अपनी मनमर्जी के रेट लगाए जा रहे हैं। इस कारण किसानों को नुकसान हो रहा है।

1700 रुपये बिका 1509 धान

किसान चंदा राम ने बताया कि 1509 धान को तीन दिन से मंडी में लेकर आया हूं। आज भी धान 1700 रुपये में बिका है। सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है। इस रेट में ठेका भी पूरा नहीं हो रहा है। बचत तो दूर की बात।


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