कलायत का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुद 'बीमार'
कलायत का सरकारी अस्पताल खुद बीमार पड़ा है। सरकार द्वारा अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं देने बातें यहां हवा हो रही है। क्षेत्र की करीब पौने दो लाख की आबादी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सहारे है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कलायत क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए 12 चिकित्सकों के पद सृजित किए हुए है, लेकिन केवल 3 चिकित्सक ही बड़ी आबादी वाले क्षेत्र को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
संवाद सहयोगी, कलायत: कलायत का सरकारी अस्पताल खुद बीमार पड़ा है। सरकार द्वारा अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं देने बातें यहां हवा हो रही है। क्षेत्र की करीब पौने दो लाख की आबादी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सहारे है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कलायत क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए 12 चिकित्सकों के पद सृजित किए हुए है, लेकिन केवल 3 चिकित्सक ही बड़ी आबादी वाले क्षेत्र को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
कलायत में प्रतिदिन जहां सैकड़ों की तादाद में महिलाएं, पुरुष और बच्चे स्वास्थ्य जांच के लिए आते है। इन्हें घंटों अपनी बारी के आने का इंतजार करना पड़ता है। उन्हें इस बात की भी आशंका बनी होती है कि कहीं उसे कैथल के लिए ही रैफर न कर दिया जाए।
कलायत सहित आसपास के गांव के लोग सुबह ही स्वास्थ्य केंद्र पहुंच जाते है, लेकिन भीड़ होने के कारण उन्हें इंतजार करना पड़ता है। कांता देवी, दर्शना, मीनू, सुनीता, विक्रम, काला, सोनू और अंकित ने कहा कि सरकार को इस ओर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए ताकि लोगों को समय पर बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो जाए।
एक्सरे मशीन रेडियोग्राफर
की जोह रही है बाट:
कलायत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक्सरे सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए लाखों की मशीन यहां स्थापित की हुई है। इस मशीन को आपरेट करने के लिए स्वास्थ्य केंद्र में रेडियाग्राफर ही तैनात नहीं। दूसरी ओर एक्सरे करवाने वाले मरीजों को यहां सुविधा उपलब्ध न होने के कारण कैथल रैफर किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि सरकार व स्वास्थ्य विभाग को चाहिए तो यह था कि यहां और अधिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में कदम उठाते। यह कैसा स्वास्थ्य केंद्र है जहां अन्य सुविधाएं प्रदान करना तो दूर इसमें उपलब्ध सुविधाओं का ही लाभ नहीं मिल रहा।
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पिछले एक माह से कलायत
में नहीं है एंबुलेंस सेवाएं:
कलायत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक ही एंबुलेंस थी ,जिसका जरूरत पड़ने पर मरीज को समुचित लाभ भी मिल रहा थ। इस माह के शुरू होने के साथ ही यह एंबुलेंस भी दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसके चलते यह पूरी तरह कंडम हो गई। इस एंबुलेंस के बंद होने के बाद अब यहां आपात सेवाओं के लिए एंबुलैंस को जिला मुख्यालय से मंगवाना पड़ रहा है।
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स्टाफ के बारे में अधिकारियों को दी जाती जानकारी
प्रवर चिकित्सा अधिकारी डॉ.प्रगति ने बताया कि चिकित्सकों के साथ-साथ स्टाफ की जो भी कमी है, वह शीर्ष अधिकारियों के संज्ञान में है। इस सबके बावजूद जैसे ही मासिक रिपोर्ट प्रेषित की जाती है उसमें भी सब कुछ जानकारी दी जाती है। डॉ. प्रगति ने कहा कि इस सबके बावजूद कलायत क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए पूरी तरह सजग है।