मुठभेड़ में मारे गए गैंगस्टर ग्योंग के पिता बोले, बेटे की हत्या में सुरजेवाला का हाथ
पुलिस मुठभेड़ में मारे गए कुख्यात गैंगस्टर के पिता ने अपने बेटे को मुठभेड़ में मार गिराने के पीछे कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला का हाथ बताया है।
जेएनएन, कैथल। गत दिवस पुलिस एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर सुरेंद्र ग्योंग के पिता ने कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि उनके बेटे की हत्या करवाई गई है और इसे पुलिस मुठभेड़ का नाम दे दिया गया। इस मुठभेड़ के पीछे सुरजेवाला का हाथ है। बता दें, कैथल के विधायक व कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ग्योंग से जान का खतरा बताकर हाई कोर्ट से सुरक्षा मांगी थी।
ग्योंग के पिता व उसके अन्य संबंधियों ने सरकार से मामले की जांच की मांग की है। आतंक का पर्याय बने गैंगस्टर सुरेंद्र ग्योंग की गत दोपहर पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया था। उस पर हत्या, अपहरण, डकैती, लूटपाट, मारपीट के हरियाणा, दिल्ली व पंजाब में कुल 36 मामले दर्ज थे। ग्योंग के खिलाफ पर कैथल के डॉ. सूद सहित कई लोगों से फिरौती मांगने का आरोप था।
मूल रूप से कैथल जिले के गांव ग्योंग के रहने वाला सुरेंद्र 23 मई 2016 को झज्जर जेल से घर की मरम्मत के लिए एक माह की पैरोल पर आया था। मगर 15 दिन बाद ही वह भूमिगत हो गया, तब से ही कई जिलों की पुलिस उसकी तलाश में थी। शनिवार को कैथल पुलिस सुरेंद्र ग्योंग का पीछा कर रही थी। जब पता चला कि वह करनाल की सीमा में दाखिल हो रहा है तो एसपी जेएस रंधावा ने सीआइए वन इंस्पेक्टर विजेंद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम को असंध की ओर रवाना किया।
गांव राहड़ा में पहुंचने के बाद गांव की गलियों से गुजरने के दौरान ग्योंग की होंडा सिटी कार का बंपर टूट गया। होंडा सिटी कार में सवार ग्योंग व साथी जब राहड़ा के बस स्टैंड के समीप पहुंचा तो पुलिया पर निर्माण कार्य चलने के कारण वह आगे नहीं जा सके। पीछे की गली व सामने की गली में पुलिस की गाड़ियों को देख वह कार से उतरकर गांव के अंदर भागने लगा।
इस दौरान पुलिस ने फायर किया तो दो गोलियां ग्योंग को पीठ पर लगी। गोली लगने के बाद भी वह गली में भागने लगा, लेकिन सामने बंद दुकान को देखकर उसे लगा कि गली बंद है और वह वापस दौड़ा। मगर सामने पुलिस को देखकर नाली में पांव फिसलने से वह सड़क पर गिर गया। ग्योंग ने सड़क पर गिरने के बाद दोनों हाथों में ली हुई पिस्तौल से पुलिस पर फायर किया, जिस पर जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने कई फायर कर ग्योंग मौत के घाट उतार दिया। पुलिस मुठभेड़ में सुरेंद्र ग्योंग को आठ गोलियां लगी।
पुलिस ने मृतक के पास से दो पिस्तौल, चश्मा, गाड़ी की चाबी व कई कारतूस भी बरामद किए। मधुबन से आई एफएसएल टीम ने घटनास्थल पर पहुंच कर साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने क्षतिग्रस्त गाड़ी को भी कब्जे मे ले लिया। घटना की सूचना मिलते ही करनाल के एसपी जेएस रंधावा व कैथल के एसपी सुमेर प्रताप मौके पर पहुंचे। मधुबन से पहुंची एफएसएल की टीम ने साक्ष्य जुटाते हुए ग्योंग से मिले हथियारों को कब्जे में ले लिया है। पुलिस पर फायङ्क्षरग करने के मामले में एसआइ बिजेंद्र के बयान पर थाना असंध में ग्योंग के खिलाफ हत्या के प्रयास व आम्र्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। शव को पोस्टमार्टम के असंध के मोर्चरी हाउस में रखवाया गया है।
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सरदार के वेश में था ग्योंग
घटना स्थल पर मौजूद ग्रामीणों के अनुसार कुख्यात बदमाश सुरेंद्र ग्योंग सिख के वेश में था। नीले रंग की जींस व सफेद कमीज डाले हुए था। सेरहदा मोड़ पर तेज स्पीड में एक गाड़ी गुजरी जिसके पीछे भारी पुलिस लगी हुई थी। पुलिस सादी वर्दी में थी।
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2006 में हुई थी उम्रकैद
सुरेंद्र ग्योंग को ङ्क्षटबर व्यापारी व पत्रकार परमानंद गोयल की हत्या के आरोप में वर्ष 2004 में गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2006 में उसे अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। करीब दस साल तक जेल में रहने के बाद मई 2016 में उसे पेरोल मिली थी।
भाई जोगेंद्र ग्योंग भी जेल में
प्लाइवुड व्यापारी नरेंद्र अरोड़ा की हत्या का मामला इंटरपोल तक पहुंच गया था। गिरोह के बलजीत बढ़सीकरी, राजेश और सुरेंद्र ग्योंग के छोटे भाई जोगेंद्र ग्योंग ने नरेंद्र अरोड़ा की हत्या की थी। इन तीनों को सुरेंद्र पहलवान ने शरण दी थी। राजेश बाद में नरवाना के पास पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था। बलजीत बढ़सीकरी, जोगेंद्र ग्योंग और सुरेंद्र पहलवान दक्षिण अफ्रीका भाग गए थे। वर्ष 2007 में इंटरपोल की मदद से तीनों को प्रत्यर्पण कर कैथल लाया गया था।
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