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प्रदर्शनी देख गदगद हुए राज्यपाल बोले यही है असली हरियाणा

हनुमान वाटिका में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की तरफ से आयोजित राज्य स्तरीय तीज महोत्सव का आयोजन किया। इसमें हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान ¨सह सोलंकी ने शिरकत की। कार्यक्रम में स्कूली बच्चों की ओर से लगाई गई प्राचीन धरोहर की प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रही। पांच स्कूलों की टीमों ने प्रदर्शनी में भाग लिया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Aug 2018 10:34 PM (IST)Updated: Mon, 13 Aug 2018 10:34 PM (IST)
प्रदर्शनी देख गदगद हुए राज्यपाल बोले यही है असली हरियाणा
प्रदर्शनी देख गदगद हुए राज्यपाल बोले यही है असली हरियाणा

सुनील जांगड़ा, कैथल : हनुमान वाटिका में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की तरफ से आयोजित राज्य स्तरीय तीज महोत्सव का आयोजन किया। इसमें हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान ¨सह सोलंकी ने शिरकत की। कार्यक्रम में स्कूली बच्चों की ओर से लगाई गई प्राचीन धरोहर की प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रही। पांच स्कूलों की टीमों ने प्रदर्शनी में भाग लिया।

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राज्यपाल ने तीज महोत्सव पर लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया और बोले यही है हमारा हरियाणा। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में भारतीय संस्कृति की झलक साफ दिखाई दे रही है। हमें हमारी संस्कृति को बचाने के लिए काम करना चाहिए। बच्चों ने प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों को प्राचीन धरोहर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्हें बताया गया कि दो दशक पहले हम किस तरह का जीवन यापन करते थे। किस तरह के खान-पान का इस्तेमाल करते थे। पहले लोग किस तरह का पहनावा पहनते थे।

प्रदर्शनी को देखने के लिए कार्यक्रम में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। प्रतियोगिता में मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल क्योड़क, सुपा‌र्श्व जैन बादल सदन स्कूल, गुरुनानक एकेडमी खरक, हेरिटेज इंटरनेशनल स्कूल, आरोही मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल ग्योंग स्कूल के करीब 45 बच्चों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान ढोल नगाड़े वाली टीम व जंगम जोगी ने भी अपनी अपनी कला का प्रदर्शन किया।

बॉक्स

यह दिखाया प्रदर्शनी में

कार्यक्रम में बच्चों ने हुक्का, ओखली, दूध बिलोने वाली कढोनी, मकान बनाने वाले औजार, पीतल की टोकनी, लुगदी से बने बर्तन, हांडी, आग जलाने वाली फूंकनी, छाज, टोकरा, कूंडी-कूतका, हाथ से आटा पीसने वाली पुरानी चक्की, हवा करने वाला बीजना, बैठने वाली खाट, प्राचीन कुआं, नेजू ढोल, चरखा, धार्मिक स्थल दादा खेड़ा, पुराने बर्तन, गन्ने से गुड बनाने वाला कोल्हू, मिट्टी से बने खेल खिलौने, पुराने हरियाणवी गहने, पुराना पहनावा दामन व पौधों की नर्सरी की प्रदर्शनी लगाई गई थी। बच्चों ने प्रदर्शनी के दौरान हरियाणवी वेशभूषा पहना हुआ था।


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