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स्कूली बसें चलाकर अपना ही नुकसान कर रही सरकार व विभाग

जागरण संवाददाता, कैथल : रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल लगातार पांचवे दिन भी जारी रही।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 01:14 AM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 01:14 AM (IST)
स्कूली बसें चलाकर अपना ही नुकसान कर रही सरकार व विभाग
स्कूली बसें चलाकर अपना ही नुकसान कर रही सरकार व विभाग

जागरण संवाददाता, कैथल : रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल लगातार पांचवे दिन भी जारी रही। पांच दिन में डिपो को करीब 60 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। कर्मचारी 720 प्राइवेट बसों को परमिट देने का विरोध कर रहे हैं। सरकार और कर्मचारी दोनों आमने सामने हो चुके हैं। हड़ताल के समर्थन में विभिन्न कर्मचारी संगठन भी आ चुके हैं। यात्रियों को सुविधा देने के लिए सरकार ने रविवार तक स्कूली बसें चलाने का फैसला लिया है। डिपो में दो दिन से 33 स्कूली बसें भी चलाई जा रही हैं। विभाग बसें चलाकर अपने नुकसान को ओर भी बढ़ा रहा है। शुक्रवार को चली स्कूली बसों ने दिनभर में मात्र 47 हजार रुपये की कमाई की और विभाग में जमा करवाई। करनाल, जींद, पिहोवा व कुरूक्षेत्र तक ये स्कूली बसें चल रही हैं। सरकार की ओर से इन बसों को 30 रुपये किलोमीटर के हिसाब से पैसा दिया जाएगा। इन बसों में यात्रियों को टिकट भी नहीं दी जा रही है और किराया लिया जा रहा है। पहले दिन आमदनी कम होने पर शनिवार को विभाग की ओर से हर स्कूली में एक आउटसोर्सिंग पर लगे युवाओं को बैठाया गया। ये युवा बस में रहेंगे और सवारी व पैसों का हिसाब किताब भी रखेंगे। वहीं प्राइवेट बस चालक अपनी मनमानी चला रहे हैं और बस स्टैंड के गेट से ही सवारियां बैठा रहे हैं। वर्ष 1993 के बाद यह अब तक सबसे बढ़ी हड़ताल है। बॉक्स

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भर्ती के लिए डिपो में आए चार हजार आवेदन सरकार की ओर से रोडवेज में नए ड्राइवर व कंडक्टर भर्ती करने का नोटिफिकेशन निकाला हुआ है। हड़ताल के दूसरे दिन ही युवाओं की भीड़ नौकरी लेने के लिए बस स्टैंड पर पहुंच गई थी। शुक्रवार से ही युवाओं से आवेदन लिए जा रहे हैं। दो दिन में डिपो के पास करीब चार हजार युवाओं के फार्म जमा हो चुके हैं। करीब 2500 कंडक्टर व 1500 ड्राइवर के लिए आवेदन लिए हैं। आवेदन की कोई स्लिप नहीं दी जा रही है। फार्म पर नंबर लगाकर उन्हें रखा जा रहा है। 25 अक्टूबर तक विभाग की ओर से फार्म जमा करवाए जाएंगे। बॉक्स

अध्यापकों ने काली पट्टी बांधकर जताया रोष राजकीय प्राथमिक पाठशाला ढांड के सभी अध्यापकों ने रोडवेज हड़ताल के समर्थन में काली पट्टी बांधकर सरकार के खिलाफ रोष जताया। प्राथमिक शिक्षक संघ के पूर्व प्रधान रोशन लाल ने कहा कि सरकार रोडवेज का निजीकरण करना चाहती है। कर्मचारी अपने निजी हितों या वेतन के लिए हड़ताल नहीं कर रहे बल्कि लोगों की सुविधा के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। अगर सरकार ने जल्द ही उनकी मांगें नहीं मानी तो सभी कर्मचारी 22 अक्टूबर से काम छोड़ देंगे और सड़कों पर आ जाएंगे। बॉक्स

स्वास्थ्य विभाग कर्मचारियों ने जताया रोष नागरिक अस्पताल के स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने भी रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल का समर्थन किया। कर्मचारियों ने काले बिल्ले लगाकर रोष व्यक्त किया। डॉ. राजेश व हरदीप ने बताया कि सरकार ने अगर जल्द ही समस्या का समाधान नहीं किया तो स्वास्थ्य कर्मचारी भी काम छोड़ हड़ताल शुरू कर देंगे। इस बार रोडवेज कर्मचारी अपनी नहीं जनता के हितों की लड़ाई लड़ रहे हैं। बॉक्स

आज सुरजेवाला को ज्ञापन देंगे कर्मचारी

सर्व कर्मचारी संघ से संबंधित सभी कर्मचारी संगठन आज हनुमान वाटिका में एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। प्रदर्शन के बाद स्थानीय विधायक रणदीप ¨सह सुरजेवाला को रोडवेज हड़ताल के समर्थन में ज्ञापन सौंपा जाएगा। सोमवार तक सरकार ने मांगें नहीं मानी तो सभी कर्मचारी संगठन काम छोड़ धरना शुरू कर सकते हैं। बॉक्स

चार हजार आवेदन आए : रामकुमार रोडवेज महाप्रबंधक रामकुमार ने बताया कि दूसरे दिन भी 33 स्कूली बसें चलाई गई। इसके अलावा 97 प्राइवेट बसें भी चल रही हैं। यात्रियों को फिलहाल कोई परेशानी नहीं हो रही है। भर्ती के लिए दो दिन में करीब चार हजार आवेदन आ चुके हैं।


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