गोल्ड पंच लगाने वाली लासू यादव का किया स्वागत
स्वीडन में हुई गोल्डन गर्ल्स अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने वाली 16 वर्षीय लासू यादव बुधवार को वापस शहर में पहुंची। यहां पहुंचने पर शानदार तरीके से उसका स्वागत किया और आरकेएसडी कॉलेज के खेल मैदान से से खुली जीप में अभिनंदन करते हुए घर तक ले जाया गया।
जागरण संवाददाता, कैथल: स्वीडन में हुई गोल्डन गर्ल्स अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने वाली 16 वर्षीय लासू यादव बुधवार को वापस शहर में पहुंची। यहां पहुंचने पर शानदार तरीके से उसका स्वागत किया और आरकेएसडी कॉलेज के खेल मैदान से से खुली जीप में अभिनंदन करते हुए घर तक ले जाया गया।
31 जनवरी से दो फरवरी तक स्वीडन के बोरस में हुई प्रतियोगिता में लासू ने 66 किलो भारवर्ग में डेनमार्क की बॉक्सर विटर रोषहॉग को 5-0 के अंतर से फाइनल मुकाबले में हराया। लासू के कैथल पहुंचने पर उसका भव्य स्वागत किया गया। खिलाड़ी को नए बस स्टैंड से लेकर आरकेएसडी कॉलेज के इंडोर स्टेडियम तक खुली जीप में जुलूस निकाला। कोच राजेंद्र सिंह, गुरमीत, विक्रम ढुल ने उसे माला पहनाकर उसका स्वागत किया। लासू ने बताया कि इस प्रतियोगिता में 71 देशों के खिलाड़ियों ने शिरकत की। उसका फाइनल मुकाबला डेनमार्क की बॉक्सर के साथ था, जो उसने 5-0 से जीता। लासू ने कहा कि उसका लक्ष्य अब अगस्त में होने वाली जूनियर एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड जीतना है और वह इसके लिए इंडिया कैंप में तैयारी कर रही है। इस जीत का श्रेय लासू ने अपने माता-पिता के साथ कोच राजेंद्र सिंह, गुरमीत सिंह और विक्रम ढुल को दिया।
किसान की बेटी है लासू यादव :
लासू के पिता रमेश नंबरदार दो एक एकड़ जमीन के मालिक हैं। खेतीबाड़ी से ही घर का गुजारा हो रहा है। लासू का छोटा भाई 14 वर्षीय कुश भी बॉक्सिग का खिलाड़ी है। माता जानकी देवी गृहिणी है। तीन साल पहले दोनों ने बॉक्सिग खेलना शुरू किया था। लासू के पिता ने बताया कि उसके बड़े भाई की बेटी नेहा यादव अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी है। ताऊ की लड़की को मेडल लाते देख लासू ने भी बॉक्सिग खेलना शुरू किया था।