सरकारी पुस्तकालय का 40 लाख से होगा कायाकल्प
स्वामी विवेकानंद जिला पुस्तकालय अब पूरी तरह से वातानुकूलित होगा। पुस्तकालय को आधुनिक बनाने के लिए 40 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। 30 लाख रुपये की राशि कमेटी की ओर पीडब्ल्यूडी को जारी की जा चुकी है। यह राशि खर्च करने के बाद वाईफाई कैंपस होते ही यह पुस्तकालय ई-पुस्तकालय में बदल जाएगा।
विक्रम पूनिया, कैथल : स्वामी विवेकानंद जिला पुस्तकालय अब पूरी तरह से वातानुकूलित होगा। पुस्तकालय को आधुनिक बनाने के लिए 40 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। 30 लाख रुपये की राशि कमेटी की ओर पीडब्ल्यूडी को जारी की जा चुकी है। यह राशि खर्च करने के बाद वाईफाई कैंपस होते ही यह पुस्तकालय ई-पुस्तकालय में बदल जाएगा। इसके साथ ही 3500 नई किताबें मंगवाई गई हैं, जो युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करेंगी। यह किताबें मई महीने में ही पुस्तकालय में पहुंच जाएंगी। पुस्तकालय में पहले से ही जिले में सबसे ज्यादा 17 हजार किताबें हैं। कायाकल्प के बाद जो पुस्तकालय जिला वासियों को मिलेगा वे पुराने से बिलकुल अलग होगा। नए पुस्तकालय में हर वर्ग के लिए अलग पढ़ाई कक्षा बनाया जा रहा है। महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग अलग पढ़ाई कक्ष होंगे।
बच्चे भी साथ ला सकेंगी महिला
-पुस्तकालय इंचार्ज संतोष गुप्ता ने बताया कि विवाहित महिलाएं जो घर के कामकाज के साथ ही पढ़ाई के लिए अनुकूल माहौल की तलाश में हैं उनके लिए यह पुस्तकालय खास होगा। यहां महिलाओं के लिए अलग कक्षा तो होगी ही अगर महिलाएं बच्चे साथ लेकर आती हैं तो उनके लिए भी अलग कक्ष बनाया जा रहा है। बच्चों के लिए मनोरंजक किताबों के साथ ही झूलों की व्यवस्था भी होगी। इससे पहले महिलाओं को पुरुषों के साथ बैठने में समस्याओं के साथ ही बच्चों के लिए व्यवस्था नहीं होने से भी परेशानी होती थी।
बुजुर्गो के लिए भी बनेगा अलग कक्ष
-बुजुर्गो के लिए भी जिला पुस्तकालय में कुछ खास होगा। इस कक्ष में हालांकि बुजुर्गो के साथ ही बाहरी लोगों को आने की इजाजत भी होगी। कक्ष में सभी हिदी, अंग्रेजी समाचार पत्र और पत्रिकाएं रखी होंगी। बुजुर्ग और अन्य मुफ्त में यहां समाचारपत्र और पत्रिकाएं आराम से एसी में बैठकर पढ़ पाएंगे। इसके अलावा एक स्टडी हाल भी बनाया जाएगा। जहां सीटें भर जाने पर बैठकर भी पढ़ाई की जा सकेगी।
कंप्यूटर की भी की जा रही है व्यवस्था
पंजीकृत सदस्य वाईफाई का इस्तेमाल तो कर ही पाएंगे। इसके अलावा पढ़ाई में मदद के लिए कंप्यूटर लैब भी बनाई जाएगी। इसमें करीब 10 कंप्यूटर रखे जाएंगे हैं।
कहां कितनी सीटों की व्यवस्था
पुरुष कक्ष और महिला कक्षा में 60-60 के करीब सीटें हैं। इसके अलावा बुजुर्गों के लिए भी करीब 50 सीटें होंगी। बच्चों को लिए 20 तथा एक स्टडी रूम होगा जहां सौ से ज्यादा व्यक्ति बैठकर पढ़ाई कर सकेंगे।
1985 में बना था जिला पुस्तकालय
जिला पुस्तकालय 1985 में बना गया था। यह जिला का एकमात्र सरकारी पुस्तकालय है। 2012 में यह नए भवन में शिफ्ट किया गया था। सात साल से ना तो इसमें कोई सुधार का कार्य हुआ था और ना ही कोई सुविधाएं जोड़ी गई थी। सात साल बाद अब इसको नया रूप दिया जा रहा है।
अत्याधुनिक होगी लाइब्रेरी
पुस्तकालय की देखरेख की जिम्मेदारी जिला प्रशासन को दी गई है। इसके लिए नौ सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी की अध्यक्ष डीसी डॉ. प्रियंका सोनी और सचिव राजकीय कॉलेज के प्रिसिपल डॉ. ऋषिपाल बेदी हैं। उन्होंने बताया कि यह राशि खर्च होने के बाद एक भव्य पुस्तकालय जिला को मिलेगा। यह बहुत ही अत्याधुनिक होगा।