किसानों को किया फसल अवशेष नहीं जलाने के लिए जागरूक
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा.कर्मचंद ने बताया कि कृषि विभाग की प्रचार वाहन तथा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के क्षेत्रीय अमले द्वारा किसानों को जागरूक किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, कैथल : कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा.कर्मचंद ने बताया कि कृषि विभाग की प्रचार वाहन तथा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के क्षेत्रीय अमले द्वारा किसानों को जागरूक किया जा रहा है। कहा कि किसान को फसल काटने के बाद बचे हुए अवशेषों का प्रबंधन करना चाहिए। इससे पर्यावरण संरक्षित होगा और किसानों की आय भी बढ़ेगी। पराली जलाने से वायु प्रदूषण होता है। मिट्टी की जैविक गुणवत्ता प्रभावित होती है तथा मिट्टी में मौजूद कई उपयोगी बैक्टीरिया व कीट नष्ट हो जाते हैं। इसके साथ-साथ वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। पराली में आग लगाने से हवा में प्रदूषण के छोटे-छोटे कण फैल जाते हैं, जिससे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
फसल अवशेषों को कंपोस्ट के रूप में प्रयोग किया जा सकता है और इन्हें मृदा में मिलाने से जैविक कार्बन की मात्रा में वृद्धि होती है। उन्होंने बताया कि हर किसान की जिम्मेदारी बनती है कि वो अपने नैतिक दायित्व का पालन करते हुए फानों में आग नहीं लगाएं और दूसरे किसानों को भी जागरूक करें। अपने गांव के कस्टम हायरिग सेंटर के माध्यम से बचे हुए अवशेषों का प्रबंधन करें।