मंडी में पीआर धान के निर्धारित कम मिल रहा दाम, किसानों में रोष
नई अनाज मंडी में धान की आवक जोरों पर है। 1509 किस्म की धान के साथ पीआर धान से भी अनाज मंडी अटी हुई है लेकिन किसानों को पीआर धान के निर्धारित रेट से 150 रुपये कम रेट मिल रहा है। किसानों ने आरोप लगाया है कि उनकी धान की ढेरियों में नमी अधिक बताई जा रही है।
जागरण संवाददाता, कैथल :
नई अनाज मंडी में धान की आवक जोरों पर है। 1509 किस्म की धान के साथ पीआर धान से भी अनाज मंडी अटी हुई है, लेकिन किसानों को पीआर धान के निर्धारित रेट से 150 रुपये कम रेट मिल रहा है। किसानों ने आरोप लगाया है कि उनकी धान की ढेरियों में नमी अधिक बताई जा रही है। यदि नमी ज्यादा है उसे चैक किया जाना चाहिए। इसे चैक नहीं किया जा रहा है। बता दें कि सरकारी एजेंसियों की ओर से शुक्रवार से खरीद शुरू की गई थी। जिसमें पीआर धान का रेट 1835 निर्धारित किया गया है। जबकि 1509 किस्म की धान को आढ़तियों की ओर से अपने स्तर पर खरीदा जा रहा है। पीआर धान की ओर से निर्धारित किया गया रेट किसानों को नहीं मिल रहा है, जिससे किसानों में रोष है।
नहीं मिल रहा समर्थन मूल्य :
गांव पट्टी अफगान से पहुंचे किसान पाला राम ने कहा कि सरकार की ओर से पीआर धान का रेट 1835 रुपये निर्धारित किया गया है। लेकिन उन्हें यह रेट न मिलकर केवल 1700 से 1750 रुपये तक मिल रहा है। जिस कारण किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। पाला राम ने बताया कि सरकारी एजेंसियां किसानों के धान की नमी की तो जांच कर नहीं रही, इस पर बिना जांच किए ही रेट किसानों को दिया जा रहा है।
जल्द हो समाधान :
गांव पट्टी डोगर से पहुंचे किसान सुखदेव सिंह ने बताया कि मंडी में पहुंच रही धान को बिना जांच किए ही किसानों को सरकारी एजेंसियां अपनी मनमर्जी के दाम दे रही है। मनमर्जी के दाम देने का कारण धान में नमी की मात्रा बताया जाना है। लेकिन पंजाब में ऐसा नहीं है। वहां पर धान में जितनी नमी होती है, उसी के मुताबिक रेट दिया जाता है। जबकि प्रदेश में मनमर्जी से रेट दिए जा रहे हैं।
सुखाकर लाए धान :
नई अनाज मंडी एसोसिएशन के मंडी प्रधान कृष्ण मित्तल ने बताया कि जो भी किसान मंडी में धान लेकर पहुंच रहा है। वह अपनी धान को सुखाकर लाए, ताकि उसे रेट भी पूरा मिल सके। जिससे उसे कोई परेशानी नहीं होगी।