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फसल विविधिकरण व समेकित कृषि प्रणाली अपनाएं किसान : डॉ. समर

हाबडी गांव में केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान की तरफ से खरीफ किसान मेला आयोजित हुआ। शुभारंभ उचानी केंद्र के चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के क्षेत्रिय निदेशक डॉ. समर सिंह ने किया। अध्यक्षता केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान करनाल के निदेशक डॉ. प्रबोध चंद्र शर्मा ने की। मुख्यातिथि डॉ. सिंह ने कहा कि भूमि जल व वातावरण सब फसलों के लिए महत्वपूर्ण है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Mar 2019 06:25 AM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2019 06:25 AM (IST)
फसल विविधिकरण व समेकित कृषि प्रणाली अपनाएं किसान : डॉ. समर
फसल विविधिकरण व समेकित कृषि प्रणाली अपनाएं किसान : डॉ. समर

संवाद सहयोगी, पूंडरी: हाबडी गांव में केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान की तरफ से खरीफ किसान मेला आयोजित हुआ। शुभारंभ उचानी केंद्र के चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के क्षेत्रिय निदेशक डॉ. समर सिंह ने किया। अध्यक्षता केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान करनाल के निदेशक डॉ. प्रबोध चंद्र शर्मा ने की। मुख्यातिथि डॉ. सिंह ने कहा कि भूमि जल व वातावरण सब फसलों के लिए महत्वपूर्ण है। भूमि में सुधार के लिए हरी खाद (ढैचा) का प्रयोग करना चाहिए। संतुलित खाद का उपयोग करना चाहिए। सूक्ष्म जीवाणुओं की रक्षा के लिए सीधी बिजाई लाभदायक होती है। डॉ. सुधीर कुमार ने कहा कि फसल में बीमारी की पहचान करके ही उचित पैस्टीसाइड का प्रयोग करना चाहिए। बीज बोने से पहले उनका उपचार अवश्य करें। इससे पूर्व संस्थान के निदेशक डॉ. प्रबोध चन्द्र शर्मा ने समारोह के मुख्य अतिथि, विषय-विशेषज्ञों, किसानों, प्रसार कार्यकर्ताओं, का स्वागत किया। कहा कि संस्थान की स्थापना सन 1969 में की गई थी। देश भर में कुल 6.74 मिलियन हेक्टेयर भूमि लवणीय व सोडिक समस्या से ग्रस्त है। संस्थान ने अब तक 2.14 मिलियन हेक्टेयर भूमि को सुधार दिया है जिससे देश के खाद्यान्न भण्डार में 16 मिलियन टन अतिरिक्त खाद्यान्न की वृद्धि हो चुकी है। उन्होंने संस्थान द्वारा विकसित अधिक उपज देने वाली धान, गेहूं, सरसों व चना की लवण सहनशील प्रजातियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मेले में किसानों की तरफ से लाई गई खेतों की मिट्टी व जल के नमूनों की निशुल्क जांच की गई। इस दौरान धान की लवण सहनशील प्रजातियों बासमती में सीएसआर 30, पीवी 1718, पीबी 1721, पीबी 1509 मोटे धान में सीएसआर 56, सीएसआर 60 और पूसा 44 ढैंचा 123 व 137 के बीजों की बिक्री की गई। गांव के संरपच पलविन्द्र सिंह व किसान नेता अजीत सिंह हाबड़ी ने भी किसानों को संबोधित किया।

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