कृषि विधेयक से खफा किसान संगठनों ने एनएच 152 पर चार जगह लगाया जाम
कृषि विधेयक को काला कानून बताते हुए रविवार को भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के बैनर तले विभिन्न किसान संगठनों से जुड़े किसानों ने सड़कों पर उतरकर एनएच 152 और जींद कैथल मुख्य मार्ग पर चार जगह जाम लगा दिया। दोपहर 12 बजे से लेकर सांय तीन बजे तक तीन घंटे तक किसान सड़कों पर बैठे रहे। किसानों ने मुख्य मार्ग के बीच ट्रैक्टर ट्राली खड़ी कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
जागरण संवाददाता, कैथल:
कृषि विधेयक को काला कानून बताते हुए रविवार को भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के बैनर तले विभिन्न किसान संगठनों से जुड़े किसानों ने सड़कों पर उतरकर एनएच 152 और जींद कैथल मुख्य मार्ग पर चार जगह जाम लगा दिया। दोपहर 12 बजे से लेकर सांय तीन बजे तक तीन घंटे तक किसान सड़कों पर बैठे रहे। किसानों ने मुख्य मार्ग के बीच ट्रैक्टर ट्राली खड़ी कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। किसानों के जाम के कारण दिनभर लोग परेशान रहे और लिक मार्गों से जाते दिखे। जाम के कारण पंचकूला से हिसार जा रही रोडवेज की बस घंटे जाम में फंसी रही। वहीं कई विभागों के कर्मचारियों को अवकाश के दिन भी ड्यूटी पर बुलाया गया।
आंदोलन को देखते हुए ड्यूटी मजिस्ट्रेट एसडीएम संजय, नायब तहसीलदार ईश्वर सिंह व डीएसपी कुलवंत सिंह मुस्तैदी से एनएच पर तैनात रहे। वहीं स्वास्थ्य विभाग व दमकल विभाग के अधिकारियों व कर्मचारी भी मौके स्थल पर रहे। एंबुलेंस व फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को प्रशासन ने तैनात रखा।
तितरम मोड़ पर दिये गए धरने की अध्यक्षता होशियार गिल व विक्रम कसाना ने की। आंदोलनकारी किसानों ने कृषि विधेयक को काला कानून बताया। कहा कि इनके लागू होने से किसान पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा। इसलिए सरकार इसे वापस ले।
तितरम थाना बना रहा पुलिस छावनी-
किसान आंदोलन को लेकर तितरम मोड पर तितरम थाना पुलिस छावनी बना रहा। एसपी शशांक कुमार सावन ने किसान आंदोलन को लेकर तितरम पुलिस थाना में पुलिस अधिकारियों की सुबह बैठक लेकर उचित निर्देश जारी किये।
प्योदा वाया तितरम गांव से किया रास्ता डायवर्ट
राहगीरों को परेशानी का सामना न करना पड़े। इससे लिए पुलिस कर्मचारियों ने प्योदा मोड से तितरम गांव तक रास्ता डायवर्ट किया गया। तितरम से वाहनों को निकाला गया। वहीं कुछ देर बाद किसानों ने तितरम डायवर्ट रास्ते पर भी जाम लगा दिया। वहां वाहनों के कारण लंबा जाम लग गया। उसके बाद देवबन के रास्ते से वाहनों को कलायत की तरफ निकाला गया।
सामाजिक व राजनैतिक लोगों ने दिया समर्थन-
17 किसान संगठनों सहित विभिन्न पार्टियों के नेता समर्थन देने के लिए तितरम मोड़ पहुंचे। पूंडरी से पूर्व विधायक सुलतान सिंह, समाज सेवी देवेंद्र हंस, बिल्लू चंदाना, सुरेश कौथ ने जजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि दुष्यंत ने किसानों से वोट लेकर उनके साथ विश्वासघात किया। दुष्यंत को सरकार से अलग होकर हरियाणा की सरकार तोड़ देनी चाहिए। कृषि विधेयक के खिलाफ केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर द्वारा इस्तीफा दिए जाने पर उनका स्वागत किया। दुष्यंत को भी इस्तीफा दे देना चाहिए नहीं तो लोग उसको गांव में भी घुसने नही देंगे। सरकार जब तक कृषि विधेयक को वापस नहीं लेती है। तब तक संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी किसान केवल संघर्ष करता आ रहा है, लेकिन उसे उसकी फसलों के दाम लागत के आधार पर नहीं मिल रहे है। जब भी किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करते है सरकार किसानों के आंदोलन को दबा देती है लेकिन इस बार किसान आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार है।
सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए
ड्यूटी मजिस्ट्रेट एसडीएम संजय कुमार ने बताया कि किसानों का आंदोलन शांतिप्रिय रहा है। आंदोलन को देखते हुए प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गए थे। पुलिस बल तैनात किया गया था।
करनाल-पटियाला मार्ग ढाई घंटे रहा जाम
संस, ढांड:कृषि विधेयक के विरोध में किसान संगठनों के आह्वान पर रविवार सिरसा ब्रांच नहर के पुल पर करनाल-पटियाला मार्ग पर किसानों ने जाम लगा दिया। सिरसा ब्रांच नहर के पुल पर किसानों द्वारा दोपहर 12 से ढाई बजे तक यातायात पूरी तरह बाधित रहा। वहीं किसानों के प्रदर्शन के कारण करनाल से ढांड और ढांड से करनाल आने वाले ट्रैफिक को गांवों की सड़कों से निकाला गया। इस कारण वाहन चालकों को परेशानी का सामना पड़ा। इस दौरान किसानों से हाइवे पर लगे जाम को खेलने का आग्रह करने थाना ढांड के एसएचओ राजेश कुमार अपनी पुलिस टीम के साथ पहुंचे। उन्होंने कहा कि किसान ट्रैफिक को सुचारु ढंग से चलने में प्रशासन की मदद करें। किसान अपना प्रदर्शन पुल से हटकर दूसरे स्थान पर लगाएं। किसानों ने एसएचओ के आग्रह को स्वीकार कर लिया और जाम खोलने पर सहमत हुए।