अशोक मुंजाल तीसरी बार सफल हो बने एचसीएस
सीवन गांव के जेबीटी अध्यापक अशोक मुंजाल एचसीएस बन गए हैं। वह पिछले आठ वर्ष से संघर्ष कर रहे थे इस दौरान वे दो बार उन्होंने एचसीएस की प्री-परीक्षा तो पास की लेकिन साक्षात्कार के दौरान फेल हो गए लेकिन इसके बावजूद हौंसला नहीं छोड़ा और सफलता की सीढि़यों पर चढ़ने के लिए संघर्ष जारी रखा।
कमल बहल, कैथल : सीवन गांव के जेबीटी अध्यापक अशोक मुंजाल एचसीएस बन गए हैं। वह पिछले आठ वर्ष से संघर्ष कर रहे थे, इस दौरान वे दो बार उन्होंने एचसीएस की प्री-परीक्षा तो पास की, लेकिन साक्षात्कार के दौरान फेल हो गए, लेकिन इसके बावजूद हौंसला नहीं छोड़ा और सफलता की सीढि़यों पर चढ़ने के लिए संघर्ष जारी रखा। अब तीसरी बार परीक्षा देने के बाद वे सफल हुए और एचसीएस बन गए। मुंजाल की इस उपलब्धि से घर में खुशी का माहौल है। बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। मुंजाल कहते हैं शिक्षा वर्ग से प्रशासिनक सेवाओं में आने का उसका मुख्य उद्देश्य गरीब एवं कमजोर वर्ग की सेवा करना है।
वर्तमान में वह खंड सीवन के राजकीय प्राथमिक पाठशाला डेरा सिधुआं में जेबीटी अध्यापक के पद पर कार्यरत है। बताया कि वे वर्ष 2004 में जेबीटी अध्यापक के पद पर नियुक्त हुए थे। जिसके बाद वर्ष 2010 में मन में एचसीएस बनने कर इच्छा हुई। एक साल बाद 2011 से ही तैयारी शुरू की और वर्ष 2012 में पहली बार एचसीएच की परीक्षा दी। अशोक को बधाई देने वालों में खंड शिक्षा अधिकारी सुदर्शन शमर, दर्शन मुंजाल, संजय मुंजाल, पंचायत समिति चेयरमैन अनीता मुंजाल, नरेश मुंजाल, सरपंच अमरेन्द्र खारा, सरपंच गज्जन सिंह गोबिन्दपुरा, बाल कृष्ण मोरे, भीषू चौधरी व अन्य लोग शामिल थे। बॉक्स :
एचसीएस बने अशोक ने एचसीएस बनकर वे बहुत खुशा है, उसने जो बचपन में सपना देखा थ आज वह पूर हो गया। बताया कि अक्सर गरीब लोगों को सबसे अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन गरीबों की सही सहायता केवल प्रशासनिक अधिकारी ही कर सकते हैं। जिसे वे आगे बढ़ाते हुए हर गरीब के लिए अपने पद का इस्तेमाल करेंगे। किसी भी गरीब के साथ कोई अन्याय न हो, केवल यही उनका ध्येय रहेगा। ------------------