सीएम ¨वडो पर हर रोज निपटाई जा रही पांच से छह शिकायतें
जागरण संवाददाता, कैथल : हरियाणा सरकार ने सुशासन लाने के लिए 25 दिसंबर 2014 को सीएम ¨वड
जागरण संवाददाता, कैथल : हरियाणा सरकार ने सुशासन लाने के लिए 25 दिसंबर 2014 को सीएम ¨वडो की शुरुआत की थी। सीएम ¨वडो पर आम जनता की शिकायत को लेकर तुरंत संबंधित विभाग के अधिकारी के पास भेज दिया जाता है। एक तय समय के अंदर अधिकारी को शिकायत पर जवाब देना होता है। जिले में हर रोज छह से सात शिकायतें मिल रही हैं, जिनमें से रोजाना पांच से छह शिकायतों का निपटारा भी किया जा रहा है। सीएम ¨वडो शुरु होने से अब तक कुल 6211 शिकायतें मिली हैं, जिनमें से 5844 शिकायतों को निपटा दिया गया है। 367 शिकायतें ही ऐसी हैं जो लंबित हैं और उनको निपटाने का कार्य भी चल रहा है। सबसे ज्यादा शिकायतें पंचायत विभाग, अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय और राजस्व विभाग के खिलाफ प्राप्त हुई हैं और सबसे ज्यादा शिकायतें भी इन्हीं विभागों की निपटाई गई हैं।
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शिकायत निपटाने की प्रक्रिया पर उठते रहे हैं सवाल
आरटीआई कार्यकर्ता सतीश ¨सघल का कहना है कि सीएम ¨वडो की स्थापना करना एक अच्छी पहल थी, लेकिन इसको और पारदर्शी बनाने की जरूरत है। इसकी असफलता का कारण अधिकारियों का रवैया है। सीएम ¨वडो पर शिकायत करने वाले ज्यादातर शिकायतकर्ता अंसतुष्ट हैं। इसका कारण अधिकारियों द्वारा शिकायतों को मात्र कागजों में निपटाना ही रहा है। अधिकारी सरकार और प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने के लिए फर्जी रिपोर्ट तैयार करते हैं और शिकायतकर्ता की तरफ से भी खुद ही निपटान कर देते हैं। शिकायतकर्ता को इस बात का पता भी बहुत देर से चलता है।
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अब सही तरीके से निपटाई जा रही हैं शिकातयें
सीएम ¨वडो के लिए हर विधानसभा में तीन सदस्य वशिष्ट नागरिक के रुप में नियुक्त किए गए हैं। कैथल विधानसभा के सदस्य धीरेंद्र क्योड़क ने बताया कि अधिकारियों के रवैये के कारण ही उनकी नियुक्ति की गई है। जब से उनकी नियुक्ति हुई है वह सुनिश्चित कर रहे हैं कि शिकायतों का निपटान सही समय और सही तरीके से हो। बकायदा वह शिकायत का निवारण होने के बाद शिकायतकर्ता को फोन करके पूछते हैं।
वर्जन
सीएम ¨वडो पर शिकायत दर्ज करवाना काफी आसान है। शिकायतकर्ता आधार कार्ड और एक साधारण पेज पर मुख्यमंत्री के नाम अपनी शिकायत लघु सचिवालय स्थित सीएम ¨वडो पोर्टल पर दर्ज करवा सकते हैं। यह काफी प्रभावी है और पारदर्शी है। अब तक मिली ज्यादातर शिकायतों का निपटान भी किया जा चुका है।
- सुशील कुमार, नगराधीश, कैथल।