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विश्वविद्यालय की स्थापना से शोध में मिलेगी मदद

मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने प्रदेश में संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने की पुरानी मांग को पूरा किया। मूंदड़ी गांव में महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करते हुए प्राचीन भाषा संस्कृत को बढ़ावा दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Aug 2018 12:45 AM (IST)Updated: Wed, 22 Aug 2018 12:45 AM (IST)
विश्वविद्यालय की स्थापना से शोध में  मिलेगी मदद
विश्वविद्यालय की स्थापना से शोध में मिलेगी मदद

जागरण संवाददाता, कैथल:

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने प्रदेश में संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने की पुरानी मांग को पूरा किया। मूंदड़ी गांव में महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करते हुए प्राचीन भाषा संस्कृत को बढ़ावा दिया जाएगा।

इस विश्वविद्यालय की स्थापना से प्रदेश में संस्कृत भाषा के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा व शोध कार्य में मदद मिलेगी। यह कहना है महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय के उप कुलपति डॉ.श्रेयांश द्विवेदी का। उन्होंने मूंदड़ी में विश्वविद्यालय की साइट पर हवन के बाद उपस्थितजनों को संबोधित किया।

इसके बाद डॉ.बीआर अंबेडकर राजकीय कॉलेज जगदीशपुरा में उन्होंने कार्यभार ग्रहण किया। हवन में एडीसी पार्थ गुप्ता सहित विभिन्न स्थानों से पहुंचे संस्कृत विद्वान, आचार्य, ग्रामीण तथा संबंधित विभागों के अधिकारियों ने आहुति डाली।

मूंदड़ी में कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी गई। डॉ.श्रेयांश द्विवेदी ने कहा कि संस्कृत भाषा भारतीय संस्कृति का आधार है। वे एक सेवक के रूप में संस्कृत भाषा का प्रचार-प्रसार करेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री का आभार व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने प्रदेश में संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने की वर्षों पुरानी मांग को मूर्त रूप दिया है। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत ने इस विश्वविद्यालय के लिए जमीन उपलब्ध करवाने संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया है। उन्होंने कहा कि कौशल के बिना जीवन सफल नहीं है।

इस अवसर पर कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड के सदस्य श्याम सुंदर बंसल, हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बैंदा, डॉ.रामेश्वरदत, सुरेंद्र मोहन मिश्र, फूल कुमार, देवी दयाल, शिव नारायण शर्मा, पुष्पा, डॉ.अमृता, जीवन शर्मा, स्वामी प्रसाद मिश्र, जयप्रकाश, मिथिलेश आचार्य, डॉ.भीम राव अंबेडकर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य ऋषिपाल बेदी, राम निवास, गवीश द्विवेदी, राजेश स्वरूप, जीवन आचार्य, रणबीर भारद्वाज, डॉ.ओमप्रकाश, जयपाल शर्मा, तेजपाल शर्मा, प्रो. हरे राम, यशबीर ¨सह, हरिराम मिश्र, प्रमोद, लवकुश तीर्थ के संरक्षक डॉ.महेंद्र, सरपंच सुभाष, महेंद्र ¨सह, नूतन शर्मा, सुरेंद्र द्विवेदी, मोमन राम, सुंदर ¨सह व रमेश मौजूद रहे।


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