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बच्चों की सुरक्षा को लेकर टस से मस नहीं हुआ सिस्टम

जागरण संवाददाता, कैथल : रेयान स्कूल की घटना के बाद भी सरकारी स्कूलों में बच्चों की सुर

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Oct 2017 08:05 PM (IST)Updated: Wed, 04 Oct 2017 08:05 PM (IST)
बच्चों की सुरक्षा को लेकर टस से मस नहीं हुआ सिस्टम

जागरण संवाददाता, कैथल : रेयान स्कूल की घटना के बाद भी सरकारी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सिस्टम टस से मस नहीं हुआ है। घटना के बाद सरकार ने करीब 15 दिन पहले 23 पेजों का एक पत्र जारी किया था। इस पत्र में सुरक्षा को लेकर सरकार ने शिक्षा विभाग के माध्यम से निर्देश दिए थे। अब तक सरकारी स्कूलों में इस पत्र से हालात में कोई बदलाव नहीं आया है। सुरक्षा को लेकर जो व्यवस्था पहले थी आज भी वही है। इन निर्देशों पर खानापूर्ति करने के लिए बैठकें लगातार चल रही हैं। इसी क्रम में तीन स्तरीय कमेटियां जिला स्तर, उपमंडल स्तर और स्कूल स्तर पर गठित की जानी थी। स्कूल स्तर पर गठित होने वाली कमेटी के लिए पत्र जारी होते ही जिला शिक्षा अधिकारी ने एक सप्ताह के अंदर सभी स्कूलों की रिपोर्ट आने का दावा किया था। हालात ये हैं रिपोर्ट का तो पता नहीं, लेकिन जब कुछ स्कूलों में पड़ताल की तो पता चला कि न तो उनको किसी कमेटी का गठन होना था इसके बारे में पता है और न ही कोई 23 पेज का स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर पत्र जारी हुआ है इसकी जानकारी है। विभाग के दावों में कितनी सच्चाई है इसकी पोल भी यह स्कूल खोल रहे हैं।

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बिना संसाधनों के कैसे होगी सुरक्षा

सरकारी स्कूलों में सुरक्षा को लेकर जो पत्र जारी किया गया है उसके मुताबिक स्कूल में संसाधनों की जरूरत कहीं ज्यादा है। मौजूदा हालात में सरकारी स्कूलों में खासकर प्राथमिक स्कूलों में सुरक्षा को लेकर कोई प्रबंध नहीं किए गए हैं। किसी भी स्कूल में न तो कोई सिक्योरिटी गार्ड है और न ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। कुछ रिमोट एरिया में स्थित स्कूलों में तो अभी तक चारदीवारी और स्कूलों में गेट तक नहीं है। सबसे पहले सरकार को इन नियमों को लागू करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने की जरूरत है। वहीं सरकारी स्कूलों में मुकाबले ज्यादातर निजी स्कूलों में यह सुविधाएं पहले दिन से ही उपलब्ध हैं।

कमेटी और सुरक्षा को लेकर नहीं मिली कोई औपचारिक सूचना

हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला प्रधान सतबीर गोयत का कहना है कि उनकी यूनियन सदस्यों और अन्य स्कूलों में भी शिक्षकों से बातचीत हुई है। अभी तक विभाग की तरफ से ऐसा कोई जारी किया गया पत्र नहीं मिला है और न ही कोई औपचारिक सूचना है। अगर सुरक्षा को लेकर कोई औपचारिक सूचना आती है तो वह अपने स्तर पर जो होता हुआ करेंगे।

235 बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़

देवीगढ़ के राजकीय प्राथमिक स्कूल में परिसर के अंदर ही बिजली के दो ट्रांसफार्मर लगे हैं। यहां इन ट्रांसफार्मर से शिक्षा ले रहे सभी 235 बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। बारिश के दिनों में यहां पानी जमा हो जाने से करंट भी आने की संभावना बनी रहती हैं। यहीं से सरकार और विभाग की स्कूलों में सुरक्षा के बंदोबस्त की सच्चाई सामने आ जाती है। स्कूल स्टाफ का कहना है कि कई बार इनको हटवाने के लिए कहा गया है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

प्राइवेट स्कूल पर डाला जा रहा दबाव

पहले से ही सुरक्षा के बंदोबस्त कर चुके प्राइवेट स्कूलों पर इस पत्र के बाद और ज्यादा दबाव डाला जा रहा है। प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन इस पर विरोध भी जता चुकी है। उनका कहना है कि अगर इन नियमों को समानांतर रूप से सरकारी स्कूलों में भी लागू किया जाए तब पता चलेगा कि सुरक्षा के यह नियम व्यावहारिक नहीं है। सरकारी स्कूलों के मुकाबले निजी स्कूल पहले से ही सुरक्षा के लिए चौकन्ना हैं।

वर्जन

सभी स्कूलों को कमेटी के गठन के लिए मेल कर दी गई थी। सभी स्कूलों में कमेटी का गठन किया जाना था। इसको लेकर स्कूलों ने गंभीरता नहीं दिखाई है। एक बार फिर स्कूलों को इस बारे में सूचित कर दिया जाएगा। इसके अलावा अन्य सुरक्षा इंतजामों के लिए संसाधन जुटाने के प्रयास किए जा रहे हैं। कुछ मामलों में विभाग के उच्च अधिकारियों से बातचीत हुई है।

- शमशेर ¨सह सिरोही, जिला शिक्षा अधिकारी कैथल।


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