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डीईओ के फर्जी हस्ताक्षर कर तीन स्कूलों को मान्यता

जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालयों की ओर से निजी स्कूलों को मान्यता देने में बड़ी लापरवाही सामने आई है। विभाग ने तीन निजी स्कूलों को नियमों को ताक पर रखकर मान्यता दे दी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 07:00 AM (IST)
डीईओ के फर्जी हस्ताक्षर कर तीन स्कूलों को मान्यता

जागरण संवाददाता, कैथल :

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जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालयों की ओर से निजी स्कूलों को मान्यता देने में बड़ी लापरवाही सामने आई है। विभाग ने तीन निजी स्कूलों को नियमों को ताक पर रखकर मान्यता दे दी। इस मामले में विभाग ने स्कूल प्रशासन की ओर से नियमों की शर्तों को पूरा करे बिना ही मान्यता दी गई है। इसका रहस्योद्घाटन आरटीआइ के माध्यम से मांगी गई सूचना के बाद हुआ है। आरटीआइ में मिली सूचना में विभाग की ओर से इन स्कूलों की मान्यता देने के डिस्पेच रजिस्टरों को भी गुम किया गया है। इन स्कूलों में दो खंड चीका के है, जो अलग अलग गांवों में स्थित हैं। जबकि एक खंड कलायत के गांव खानपुर का है। इसमें ज्ञानदीप स्कूल, कमालपुर, शिवालिक पब्लिक स्कूल कमालपुर और सरस्वती स्कूल, भूना में स्थित है। स्कूलों की मान्यता की यह जानकारी आरटीआइ कार्यकर्ता जगरूप ढुल ने आरटीआइ लगाकर मांगी है। वहीं, शिक्षा विभाग ने इस मामले की जांच शुरू कराने का हवाला दिया है। बॉक्स :

डीईओ के फर्जी हस्ताक्षर भी हैं कागजों पर :

आरटीआइ के माध्यम से मिली जानकारी में यह भी पाया गया है। इन तीन स्कूलों को दी गई मान्यता के कागजों में जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर भी फर्जी है। जो वर्ष 2006 में विभाग के कार्यालयों में स्थित एक कर्मचारी की ओर से लगाई गई थी। जिसने जिला शिक्षा अधिकारी के भी फर्जी हस्ताक्षर किए हैं। वर्जन :

जिला शिक्षा अधिकारी बिजेंद्र नरवाल ने बताया कि निजी स्कूलों को दी गई मान्यता का मामला काफी पुराना है, उस समय जिला शिक्षा अधिकारी को मान्यता देने का अधिकार था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। इन स्कूलों में दी गई मान्यता को लेकर जांच शुरू करवाई जाएगी, जो भी इसमें दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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