आर्थिक मंदी विश्व की मार्केट पर कब्जा करना चाहता है चीन : इंद्रेश
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा कि चीन ने अपना इरादा साफ कर दिया है कि वह विश्व में तबाही मचाना चाहता है। चीन ने जैविक हथियार तैयार करके इसका प्रमाण भी दे दिया है
जागरण संवाददाता, कैथल : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा कि चीन ने अपना इरादा साफ कर दिया है कि वह विश्व में तबाही मचाना चाहता है। चीन ने जैविक हथियार तैयार करके इसका प्रमाण भी दे दिया है। इसमें ना तो चीन की और ना ही किसी अन्य देश की खुशहाली है। इस आर्थिक मंदी में वो विश्व पर मार्केट पर कब्जा करना चाहता है। चीन विश्व में बड़ा तानाशाह बनने का सपना देख रहा है। इंद्रेश कुमार बुधवार को हरियाणा वन विकास निगम के पूर्व चेयरमैन अरूण सर्राफ के निवास पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसे में देश की जनता से एक ही अपील है कि व्यापारी चीनी माल बेचे नहीं और ग्राहक चीनी माल खरीदे नहीं। हम इस आंदोलन को लांच कर रहे हैं। आर्थिक तौर पर भी चीन की कमर तोड़कर उसे हराया जा सकता है। अगर हम आर्थिक तौर पर चीन की कमर तोड़ेंगे तो तो पाकिस्तान की दादागिरी भी कम होगी।
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उन्होंने कहा कि भारतीयों को चाहिए कि वो अपना माल बेचे, अपना माल खरीदे व अपने ही माल का प्रचार प्रसार करें। उन्होंने कहा कि चीन के बहकावे में आकर नेपाल भी भारत को आंखें दिखा रहा है जबकि नेपाल के साथ भारत के रिश्ते बहुत अच्छे हैं। नेपाल के साथ भारत के धार्मिक, एतिहासिक, भागौलिक व सांस्कृतिक रिश्ते हैं। भारत में 70 लाख नेपाली रहते हैं। उन्हें भारत की फौज भी नौकरियां मिलती है। उन्होंने कहा कि छह हजार करोड़ प्रति वर्ष पेंशन के रूप में नेपाल में रहने वाले उन नेपालियों व गौरखाओं को मिलता है जिन्होंने भारत की सेना में भारत माता की जय और वंदे मातरम के स्वर बोले हैं। इतना सब होने के बाद भी अगर हमारा सेना चीफ वहां जाए तो उनकी सेवा सेल्यूट करती है और अगर उनका सेना चीफ यहां आए तो हमारी सेना भी सेल्यूट करती है।
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इन्द्रेश कुमार ने कहा कि भारत मां के लिए लड़ना हमारे लिए फर्ज है। कहा कि चीन की अधिनायकवादी व राक्षसवादी नीति की सीधी चोट भारत पर है और यह केवल भारत पर ही नहीं आसपास भी फैलेगी। उसने मुस्लिम सूबा सिकांग को हड़पा, 12 लाख लोगों का कत्ल करके तिब्बत हड़पा, ताइवान और हांगकांग पर उसकी गिद्द ²ष्टि है और हिमाचल में आकर घुसकर बैठा है। कुछ अन्य इलाकों में भी उसकी सेनाए बैठी हैं। चीन नेपाल को आर्थिक दबाव में इतना ले आया है कि नेपाल ने चीन की बजाय भारत के खिलाफ दो बुनियाद प्रस्ताव पास कर दिए हैं जिसका कोई महत्व नहीं है। इसी प्रकार वो पाकिस्तान को भी उकसा रहा हैं। ऐसी परिस्थितियों में नेपाल में तो चीन के खिलाफ प्रदर्शन होने भी शुरू हो गए हैं। इसी प्रकार पाकिस्तान के कुछ सांसदों व पत्रकारों ने भी चीन के खिलाफ लिखना शुरू कर दिया है। इंद्रेश ने चीन के साथ हुई झड़प पर बोलते हुए कहा कि चीन ने यह तो प्रमाणित कर दिया कि वो सीमा पर शांति नहीं रखेगा, पड़ोसियों को भारत के साथ सछ्वावना से नहीं रहने देगा। चीन के इस प्रकार से व्यवहार से इस बात के आसार कम होते जा रहे हैं।