अष्टमी पर मां गौरी से मांगी मन्नत
नवरात्र के आठवें दिन दुर्गा अष्टमी का पर्व जिले भर में धूमधाम से मनाया गया। जो महिलाएं सात दिनों से माता के व्रत रखे हुए थी उन्होंने अपने घरों में मां दुर्गा की पूजा की और उसके बाद कन्या पूजन किया। दुर्गा अष्टमी के दिन कन्या पूजन के बाद ही व्रत खोला जाता है।
जागरण संवाददाता, कैथल : नवरात्र के आठवें दिन दुर्गा अष्टमी का पर्व जिले भर में धूमधाम से मनाया गया। जो महिलाएं सात दिनों से माता के व्रत रखे हुए थी उन्होंने अपने घरों में मां दुर्गा की पूजा की और उसके बाद कन्या पूजन किया। दुर्गा अष्टमी के दिन कन्या पूजन के बाद ही व्रत खोला जाता है। व्रत रखने वाले भक्त यदि इस दिन कन्या पूजन नहीं करते तो उनके व्रत को व्यर्थ माना जाता है। भक्तों ने हलवा, पूरी व छोले का प्रसाद बनाकर पहले मां दुर्गा को भोग लगाया और उसके बाद कन्या पूजन किया। दुर्गा अष्टमी को लेकर मंदिरों में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। शहर के बड़ी देवी मंदिर, छोटी देवी मंदिर, नव दुर्गा मंदिर, हनुमान वाटिका स्थित माता के मंदिर में भक्तों की लाइनें लगी रही। सुबह चार बजे ही भक्त पूजा करने के लिए मंदिरों में पहुंच गए थे। भक्तों ने मंदिरों में जाकर अपने घर परिवार की सुख शांति के लिए मन्नतें मांगी।
माता मंदिर के पुजारी विशाल शर्मा ने बताया कि अष्टमी के दिन मां गौरी की पूजा की जाती है। सबसे पहले भगवान राम ने समुंद्र किनारे बैठकर नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा की थी और उसके बाद लंका पर प्रस्थान किया था। मां दुर्गा की पूजा करने से भगवान श्रीराम को रावण के साथ युद्ध में विजय प्राप्त हुई।