कुराड गांव में निकासी न होने से गलियों में जमा हुआ गंदा पानी
कुराड़ गांव की वाल्मीकि बस्ती में पिछले तीन साल से पानी की निकासी की समस्या बनी हुई है। थोड़ी बरसात में ही पानी निकासी न होने के कारण गलियां तालाब का रूप धारण कर लेती है।
संवाद सहयोगी, कलायत : कुराड़ गांव की वाल्मीकि बस्ती में पिछले तीन साल से पानी की निकासी की समस्या बनी हुई है। थोड़ी बरसात में ही पानी निकासी न होने के कारण गलियां तालाब का रूप धारण कर लेती है। पानी निकासी को लेकर ग्रामीणों द्वारा कई बार प्रशासन को अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन समस्या का समाधान होने की बजाय बढ़ती जा रही है। ग्रामीण शमशेर, जयकिशन, राजकुमार, बालकिशन, राजा राम, गुरदेव, विनोद, अंगूरी, रामरति, बिमला, जीतो, मीना ने बताया कि वाल्मीकि बस्ती, रविदास मंदिर व अन्य बस्तियों में पानी निकासी न होने के कारण थोड़ी बरसात में ही गंदा पानी गलियों व घरों में घुस जाता है। गलियों व घरों में पानी जमा होने के कारण घर का सामान दूसरों के घरों में रखने को मजबूर होना पड़ रहा है। खाना बनाने के लिए भी दूसरों के घरों में जाना पड़ रहा है। कई मकानों में पानी भरे होने के कारण दरारें आनी शुरू हो गई है। बहुत से लोग को गंदे पानी की निकासी न होने से बीमारी की चपेट में आ चुके है। प्रशासन को समस्या बारे बार-बार अवगत करवाया जा चुका है। लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया।
ग्रामीणों ने बताया कि दिसंबर 2018 में उपमंडल कार्यालय में धरना देकर प्रशासन व सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर चुके है। काफी जद्दोजहद के बाद पंचायत अधिकारियों द्वारा तालाब पर पानी निकासी के लिए इंजन की व्यवस्था किए जाने के साथ-साथ स्थायी समाधान का आश्वासन दिया गया था, लेकिन सात माह बीत जाने के बाद भी पानी निकासी का कोई समाधान नहीं हो पाया है।
निकासी के लिए ड्रेन में डाला जाएगा पानी
सरपंच सतबीर ने बताया कि पानी निकासी के लिए इंजन रखवा दिया गया है। शुक्रवार से ही पाइप लाइन बिछाकर पानी निकासी के लिए पाइप को कौलेखां ड्रेन में डाला जाएगा। शनिवार को ग्राम पंचायत की बैठक बुलाई गई है। लोगों से अपील कि पानी का कम मात्रा में उपयोग करें, ताकि गली में ज्यादा पानी एकत्रित न हो सके।
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