साफ सफाई नहीं होने से तालाब बदहाल
सीवन गांव के तालाब इन दिनों बदहाल स्थिति में हैं। तालाबों के अंदर गंदगी अटी पड़ी है। कभी तालाबों में साफ स्वच्छ जल में तैराकी की प्रतियोगिता आयोजित होती थी। पेड़ों की डालों से तैराक छलांग मारते व पाल तक की दौड़ लगती थी। लेकिन अब स्थिति दयनीय हो गई है। उन तालाबों के पास से गुजरना भी दुर्भर हो गया है। लोगों का कहना है कि तालाब के आसपास साफ सफाई नहीं की गई है।
जागरण संवाददाता, कैथल: सीवन गांव के तालाब इन दिनों बदहाल स्थिति में हैं। तालाबों के अंदर गंदगी अटी पड़ी है। कभी तालाबों में साफ स्वच्छ जल में तैराकी की प्रतियोगिता आयोजित होती थी। पेड़ों की डालों से तैराक छलांग मारते व पाल तक की दौड़ लगती थी। लेकिन अब स्थिति दयनीय हो गई है। उन तालाबों के पास से गुजरना भी दुर्भर हो गया है।
लोगों का कहना है कि तालाब के आसपास साफ सफाई नहीं की गई है। घरों के पास मलेरिया, डायरिया, पीलिया जैसी बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है। प्रशासन को इसकी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा है। उन्होंने मांग की है कि तालाबों की साफ सफाई की जाए ताकि तालाबों का लोग अच्छे प्रकार से प्रयोग कर सके।
तालाबों में पूजा करने आते थे लोग
सीवन के इन तालाबों में आसपास के गांव के लोग पूजा अर्चना करने आते थे। सीवन में स्वर्ग द्वार मंदिर तालाब, दशा अश्वमेध का तालाब, माइसर तालाब, छिड़ाई तालाब, सोथा रोड, नीम वाला तालाब है। पहले इन तालाबों में लोग स्नान कर खुशहाली प्राप्त करती है।
तालाबों की नहीं हो रही देखभाल
राजकुमार वधवा ने बताया कि इन तालाबों में स्नान कर लोग खुशहाल रहते थे। अब तालाबों की देखभाल नहीं हो रही है। पॉलिथिन की परत तालाबों की सतह पर चढ़ गई है। भूमि गत जल रिचार्ज बंद हो गए है। जलखुंबी ने तालाबों पर अपना कब्जा जमा लिया है। प्रशासन को इसकी तरफ ध्यान देने की आवश्यकता है।
तालाबों से आ रही दुर्गध
सुरेश मेहता ने बताया कि अब तालाबों से दुर्गंध आ रही है। मच्छर मक्खी व विषैले कीटों का बसेरा बन चुके है। हल्की सी बरसात में तालाब ओवरफ्लो हो जाते है व निचली बस्तियों में पानी भर जाता है। अधिकतर तालाबों में अवैध कब्जे हो रहे हैं गांव का पशु गर्मी में नहा कर पानी पी कर खुशहाल रहते थे इसकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं।
यह है गांव का इतिहास :
इतिहासकारों के अनुसार जब भगवान श्री राम ने धोबी के टाले पर माता सीता का त्यागकर दिया था, तब वनवास का कुछ काल माता सीता ने सीवन मे व्यतीत किया। सीवन के आसपास घना वन था, उस वन का नाम सीया वन था, जो सीवन बना। उसके बाद से ही लोग यहां पर बसने लगे। तभी से यह गांव बना। कस्बा की वर्तमान में करीब 35 हजार की आबादी है और 15 हजार के करीब मतदाता है। यहां पर 70 प्रतिशत जनसंख्या शिक्षित है।
तालाबों की सफाई करवाई जाएगी
सीवन गांव की सरपंच पवनदीप कौर खारा ने कहा कि तालाबों की सफाई का कार्य करवाया जाएगा। लोगों से भी अपील है कि तालाबों में गंदगी न डालें।