सवारियों को ठूंस-ठूंसकर भर सरपट दौड़ रहे ऑटो चालक
नियमों को ताक पर रखकर चालक ऑटो में सवारियों को ठूंस-ठूंस कर भर रहे हैं। एक-एक ऑटो में दस-दस से ज्यादा यात्रियों को बैठा कर बेखौफ सड़कों पर दौड़ा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, कैथल :
नियमों को ताक पर रखकर चालक ऑटो में सवारियों को ठूंस-ठूंस कर भर रहे हैं। एक-एक ऑटो में दस-दस से ज्यादा यात्रियों को बैठा कर बेखौफ सड़कों पर दौड़ा रहे हैं। शहर में नए व पुराने बस स्टैंड के बाहर ऑटो चालकों का दिनभर जमावड़ा लगा रहता है। जब तक सवारियों से आटो पूरी तरह से नहीं भर जाते तब तक सड़कों पर खड़े होकर चालक इंतजार करते रहते हैं। यात्रियों के आने का इंतजार में कई बार तो सड़कों के बीच में आटो खड़े कर देते हैं, जिससे यातायात अवरुद्ध होता है और जाम लगने की स्थिति पैदा हो जाती है। नए बस स्टैंड के निकास द्वार के सामने पुलिस के जवान इन्हें बार-बार वहां से हटाने की कोशिश करते हैं, लेकिन हर बार चालक उनकी बातों को अनसुना कर देते हैं।
शिक्षण संस्थानों के बाहर
भी रहते ऐसे ही हालात :
दोपहर को छुट्टी के समय शिक्षण संस्थानों के सामने भी ऐसे ही हालात रहते हैं। सड़क के बीचोंबीच खड़े होकर आटो चालक बच्चों को उनमें बैठाते हैं। इतनी ही नहीं जब तक दस या इससे ज्यादा बच्चे ऑटो में नहीं बैठते ये वहां से रवाना नहीं होते। न तो इस तरफ जिला प्रशासन के अधिकारियों का ध्यान जा रहा है और न ही शिक्षा विभाग के अधिकारी इस पर गौर कर रहे हैं। स्कूल बच्चे दुर्घटनाओं के साये में सफर करने को मजबूर हैं।
ओवरलोड ऑटो के कारण
हो रही दुर्घटनाएं :
सड़कों पर दौड़ रहे ओवरलोड आटो के कारण कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। गत वर्ष ओवरलोड ऑटो पलटने से आइटीआई के तीन छात्रों की मौत हो गई थी। उस समय पुलिस प्रशासन की ओर से आटो चालकों के खिलाफ सख्ती की गई थी। चालकों को आटो का रजिस्ट्रेशन करवाने व जरूरी कागजात तैयार करवाने के निर्देश जारी किए गए थे। इसका असर कुछ समय तक तो रहा, लेकिन अब फिर से स्थिति पहले की तरह हो गई है।