महिलाओं को कुपोषण से बचाने को 25 वर्ष से कार्य कर रही डॉ. छतवाल
झुग्गी झोपड़ियों के बच्चों व महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए पिछले 25 वर्षाें से चिकित्सक कार्य कर रही है। पेशे से डॉक्टर एसके छतवाल झुग्गी झोपड़ियों के बच्चों व महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए न केवल राशन बांटती है बल्कि उन्हें शिक्षित करने की भी बीड़ा उठा रही है।
जागरण संवाददाता, कैथल :
झुग्गी झोपड़ियों के बच्चों व महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए पिछले 25 वर्षाें से चिकित्सक कार्य कर रही है। पेशे से डॉक्टर एसके छतवाल झुग्गी झोपड़ियों के बच्चों व महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए न केवल राशन बांटती है, बल्कि उन्हें शिक्षित करने की भी बीड़ा उठा रही है। डॉ. एसके छतवाल का कहना है कि हमारे देश में बीस प्रतिशत से अधिक बच्चे कुपोषण से ग्रस्त हो जाते है। इसका मुख्य कारण उन्हें सही पौष्टिक आहार न मिलना है। छतवाल ने बताया कि वर्ष 1994 में उसने लायंस क्लब बनाया था। इसके माध्यम से वह गरीब परिवारों की सहायता करने के लिए कदम उठा रही है।
कुपोषण से बचाव ही लक्ष्य :
डॉ. एसके छतवाल ने बताया कि वह अपना एक निजी अस्पताल चलाती है, जिस कारण वह स्वास्थ्य के प्रति भी काफी सजग है। छतवाल ने बताया कि कुपोषण देश में एक विकट समस्या है जिस कारण वह स्वयं अपने बलबूते पर झुग्गी झोपड़ियों के गरीब बच्चों को फलाहार की खाद्य सामग्री देती है। इसके साथ ही महिलाओं व लड़कियों को महामारी से बचाने के लिए निशुल्क शिविरों के माध्यम से जागरूक करती है। डॉ. छतवाल का मानना है कि यदि कुपोषण से बचाव होगा तो बीमारियां भी नहीं होंगी। उसने बताया कि उसने एक क्लब बनाया था, जिसके बाद 25 वर्षाें के बाद अब इस क्लब की तीन शाखाएं बन चुकी है। इसके माध्यम से वह अब इस दिशा में कार्य कर रहे हैं। छतवाल ने बताया कि वह अब तक सैकड़ों गरीब परिवारों को राशन दे चुकी है और सैकड़ों की महिलाओं को महिलाओं की बीमारियों से बचाव के प्रति जागरूक कर चुकी है। छतवाल ने कहा कि गरीब महिलाएं व उनके बच्चे स्वस्थ रह सके, उनका केवल यही ध्येय है।