दरबार लगा जिला शिक्षा अधिकारी हरेंगे शिक्षकों के कष्ट
जिला शिक्षा अधिकारी अपने कार्यालय में दरबार लगाकर शिक्षकों की समस्याएं सुनेंगे। मौके पर ही उनका निवारण होगा। जिला ही नहीं राज्य में भी ऐसा पहली बार हो रहा है जब विभाग के किसी अधिकारी ने इस तरह की पहल की हो। 21 सितंबर को पहला अध्यापक समस्या समाधान कार्यक्रम कैथल में किया जा रहा है। कार्यक्रम में सिर्फ उन केसों की सुनवाई नहीं होगी जो पहले से ही अदालतों व निदेशालय स्तर पर लंबित हैं। बल्कि अन्य सभी तरह की शिक्षकों की समस्याएं सुनी जाएंगी। कार्यक्रम की सूचना डीईओ कार्यालय से बीईओ के माध्यम से सभी स्कूलों को दी जा चुकी है।
विक्रम पूनिया, कैथल
जिला शिक्षा अधिकारी अपने कार्यालय में दरबार लगाकर शिक्षकों की समस्याएं सुनेंगे। मौके पर ही उनका निवारण होगा। जिला ही नहीं राज्य में भी ऐसा पहली बार हो रहा है जब विभाग के किसी अधिकारी ने इस तरह की पहल की हो। 21 सितंबर को पहला अध्यापक समस्या समाधान कार्यक्रम कैथल में किया जा रहा है। कार्यक्रम में सिर्फ उन केसों की सुनवाई नहीं होगी जो पहले से ही अदालतों व निदेशालय स्तर पर लंबित हैं। बल्कि अन्य सभी तरह की शिक्षकों की समस्याएं सुनी जाएंगी। कार्यक्रम की सूचना डीईओ कार्यालय से बीईओ के माध्यम से सभी स्कूलों को दी जा चुकी है।
पहले चरण में जेबीटी और पीजीटी को ही बुलाया
शुक्रवार से अध्यापक समस्या समाधान कार्यक्रम की शुरुआत होने जा रही है। आगे हर महीने इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। पहले चरण में जेबीटी और पीजीटी शिक्षकों को ही बुलाया गया है। अगले महीने टीजीटी शिक्षकों को बुलाकर समस्याएं सुनी जाएंगी।
छुट्टी के बाद का चुना समय
समस्या समाधान कार्यक्रम के लिए समय का चयन भी शिक्षकों को परेशानी ना हो, यह ध्यान में रखकर किया गया है। कार्यक्रम सांय तीन बजे शुरू होकर छह बजे तक चलेगा। ढाई बजे स्कूलों की छुट्टी होती है। छुट्टी होने के बाद जिला भर से शिक्षक आसानी से कार्यालय पहुंच सकेंगे।
इन समस्या का होगा समाधान
कार्यक्रम में शिक्षकों की प्रमोशन, वेतनमान व वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट सहित स्कूल व किसी अन्य तरह की समस्या है, को सुना जाएगा व समाधान किया जाएगा।
स्वागत योग्य है अधिकारी की पहल
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के राज्य सचिव सतबीर गोयत ने कहा कि अब तक यूनियन पदाधिकारी ही समस्याओं को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी के पास जाते रहे हैं। यह कदम स्वागत योग्य है जब किसी अधिकारी ने खुद समस्याएं सुनने को पहल की है। कार्यक्रम में यह ध्यान जरूर रखा जाए कि किसी शिक्षक के साथ अन्याय ना हो और सौ प्रतिशत समस्याओं का समाधान हो।
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जिला शिक्षा अधिकारी जो¨गद्र ¨सह हुड्डा ने कहा कि उन्होंने विभाग के कर्मचारियों को आते ही निर्देश दे दिए थे कि किसी भी शिक्षक से संबंधित कोई कार्य लंबित ना रहे। फिर भी किसी शिक्षक को परेशानी है तो वह अध्यापक समस्या समाधान कार्यक्रम में पहुंचे। जिला स्तर पर किसी भी शिक्षक की कोई समस्या लंबित नहीं रहेगी।