बढ़ रहे प्रदूषण पर प्रशासन सख्त, 11 किसानों पर एफआइआर दर्ज
वायु में बढ़ रहे प्रदूषण के बीच प्रशासन ने सख्ती करते हुए किसानों पर कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। अब तक जिला में कुल 950 पराली जलाने वाले खेतों को ट्रेस किया गया है जिसमें पराली जलने वाले 45
जागरण संवाददाता, कैथल :
वायु में बढ़ रहे प्रदूषण के बीच प्रशासन ने सख्ती करते हुए किसानों पर कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। अब तक जिला में कुल 950 पराली जलाने वाले खेतों को ट्रेस किया गया है, जिसमें पराली जलने वाले 458 खेतों को चिन्हित कर लिया गया है।
कृषि विभाग ने इसके आधार पर पराली जलाने पर 11 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। जबकि अब तक पराली जलाने वाले किसानों से तीन लाख 70 हजार रुपये का जुर्माना वसूल लिया है। खेतों से धान कटाई के बाद अवशेष जलाने वालों की पहचान सेटलाइट के माध्यम से की जा रही है। प्रदूषण का स्तर अधिक बढ़ने से जिला प्रशासन ने पराली जलाने वाले किसानों भी जुर्माना लगाने की कवायद तेज कर दी है। पराली नहीं जलाने के अभियान के तहत खेतों को सेटलाइट के माध्यम से चिन्हित करना शुरू कर दिया है। बता दें कि किसानों को पराली जलाने पर पहले चेतावनी दी जाती है, इसके बाद भी वे पराली जलाते है तो किसानों को जुर्माना लगाया जाता है।
एनजीटी के आदेशों के बाद
एक्शन मोड में प्रशासन :
पर्यावरण संरक्षण को लेकर सरकार की सख्ती और एनजीटी आदेशों के बाद कृषि विभाग व जिला प्रशासन एक्शन मोड में है। अब सेटलाइट के माध्यम से पराली जलाने वाले किसानों की धरपकड़ जारी है। कैथल जिला में पराली में आग लगाने की 950 घटनाएं हुई हैं, जिससे यह पता चलता है कि इस दिशा में गठित की गई मोबाईल टीमें अपनी जिम्मेवारियों का सही ढंग से निर्वहन नही कर रही है। उन्होंने सख्त लहजे में चेतावनी दी कि अपनी डयूटी सही ढंग से नही करने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
सीवन व गुहला में आए अधिक मामले :
खंड गुहला व सीवन क्षेत्र के खेतों में पराली जलाने के मामले सबसे अधिक आए है। जिन्हें विभाग की ओर से चिन्हित कर लिया गया है। इसी कड़ी में डीसी डॉ. प्रियंका ने गुहला, सीवन, पूंडरी, राजौंद, अंगौध, अरनौली, बलबेहड़ा, नौच, टीक, बदनारा, हाबड़ी, कौल, फरल, खरकां, खेड़ी गुलामअली, रामथली, रसुलपुर इत्यादि गांवों के पटवारियों व ग्राम सचिवों से आग लगने की घटनाओं पर जवाब तलब किया।
इन उपायों से करें पर्यावरण संरक्षण :
कृषि उप निदेशक डॉ. पवन शर्मा ने बताया कि विभाग की ओर से किसानों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया गया है। इसमें उन्हें पराली न जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ भूमि की उपजाऊ शक्ति भी बनी रहे। किसानों को सरकार की स्कीम के तहत 80 प्रतिशत तक सब्सिडी पर उपकरण मुहैया करवाएं जा रहे हैं। कस्टम हायरिग सेंटरों से उपकरण किराये पर लेकर रीपर से जुताई, कटर से कटाई, हेप्पी सीडर से गेहूं की सीधी बिजाई व बेलर से गांठे बनाकर बेच सकते हैं। किसान अगर चाहें तो पानी देकर दस दिन में उसे गला सकते हैं।