सख्ती के बावजूद धान के अवशेषों में लगाई जा रही आग
वायु में बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण स्तर के बीच जिला प्रशासन की सख्ती के बावजूद किसान लगातार पराली व अवशेषों में आग लगा रहे हैं। इससे पर्यावरण लगातार प्रदूषित हो रहा है। हालांकि जिला प्रशासन सेटेलाइट के माध्यम से खेतों में आग लगाने वाले किसानों पर नजर बनाए हुए है।
जागरण संवाददाता, कैथल :
वायु में बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण स्तर के बीच जिला प्रशासन की सख्ती के बावजूद किसान लगातार पराली व अवशेषों में आग लगा रहे हैं। इससे पर्यावरण लगातार प्रदूषित हो रहा है। हालांकि जिला प्रशासन सेटेलाइट के माध्यम से खेतों में आग लगाने वाले किसानों पर नजर बनाए हुए है। अभी तक सेटेलाइट के माध्यम से 1200 से अधिक खेतों को चिन्हित किया गया है, जिसमें से जिला में 590 खेतों में पराली जलाने के मामले सामने आ चुके है। 590 में से 204 खेतों के किसानों पर जुर्माना लगाया गया। कृषि विभाग ने अब पराली जलाने वाले किसानों से पांच लाख 20 हजार पांच सौ रुपये का जुर्माना वसूला गया है। वहीं जुर्माना नहीं भरने पर प्रशासन ने सख्ती करते हुए अब तक कुल 105 किसानों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है। जबकि एक किसान को गिरफ्तार किया है। सोमवार को पराली जलाने के मामले में पांच किसानों पर एफआइआर दर्ज की गई।
जागरूकता अभियान के तहत पिछले तीन सालों में 74 लाख रुपये खर्च कर चुकी है, उसके बावजूद भी कृषि विभाग के प्रयास विफल हो रहे है।
गुहला, सीवन व ढांड क्षेत्र
में आ रहे अधिक मामले :
जिला प्रशासन के सख्त रवैये के बावजूद किसानों की ओर से पराली जलाने के मामलों में कोई कमी नहीं आई है। इस कारण लगातार पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। पराली जलाने के सबसे अधिक मामले गुहला, सीवन व ढांड के क्षेत्र में आ रहे है। यहां पर सबसे अधिक सेटेलाइट के माध्यम से पराली जलने वाले खेतों की पहचान हो रही है। यहां पर मामले घटने की बजाय लगातार बढ़ रहे हैं। बता दें कि सरकार ओर से सेटेलाइट के माध्यम से प्रतिदिन शाम को सात बजे के बाद विभाग के पास खेतों की लोकेशन आती है, जिसके बाद विभागीय अधिकारी लोकेशन पर पहुंचा वहां का जायजा लेते हैं। पिछली बार की अपेक्षा इस बार कम मामले :
कृषि विभाग के एसडीओ सतीश नारा ने बताया कि पिछली बार की अपेक्षा इस बार जिला में पराली जलाने के कम मामले सामने आए है। पिछली बार 1500 खेतों में पराली जलाने के मामले सामने आए थे, जो इस बार केवल 590 मामले सामने आए हैं और एफआईआर भी केवल 105 ही हुई हैं। किसानों को जागरूक करने के लिए कृषि विभाग सजग है। इसके गांवों में कार्यक्रम आयोजित कर किसानों को जागरूक किया जाता है।