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इंटर सिटी रेल के कलायत में ठहराव के लिए किया प्रदर्शन

चंडीगढ़ जयपुर इंटरसिटी रेल के ठहराव की मांग को लेकर छात्रों व अभिभावकों ने प्रदर्शन किया। बाद में रेलवे के डीआरएम व रेल मंत्री को ज्ञापन भेज कर रेल के ठहराव की मांग की है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 09:22 AM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2019 09:22 AM (IST)
इंटर सिटी रेल के कलायत में  ठहराव के लिए किया प्रदर्शन
इंटर सिटी रेल के कलायत में ठहराव के लिए किया प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, कलायत : चंडीगढ़ जयपुर इंटरसिटी रेल के ठहराव की मांग को लेकर छात्रों व अभिभावकों ने प्रदर्शन किया। बाद में रेलवे के डीआरएम व रेल मंत्री को ज्ञापन भेज कर रेल के ठहराव की मांग की है। छात्र राजेश, साहिल, कुलवंत, कुनाल, संजय, नीलिमाने कहा कि कलायत से कुरुक्षेत्र के लिए करीब सौ छात्र प्रतिदिन यात्रा करते हैं। विश्वविद्यालय से कक्षा की समाप्ति होने पर छात्रों को वापस आने के लिए यही रेल सूट करती है। अभिभावक चंद्रभान, भीम सिंह का कहना था कि इस रेल के बाद आने वाली रेल कलायत में रात्रि में 8 बजे पहुंचती है। 8 बजे पहुंचने वाली रेल में आना छात्राओं के लिए तो बहुत ही कष्टकारी व असुरक्षित समझा जाता है। उन्होंने कहा कि बेटियों को पढ़ाने के लिए सरकार पूरी तरह से तत्पर है तो यदि कलायत में इस रेल का ठहराव कर दिया जाए तो पढ़ने वाली बेटियों को बहुत सुविधा होगी। छात्रों का कहना था कि नरवाना के बाद ऊचाना में इंटर सिटी रेल का ठहराव कर दिया गया जबकि वहां पढ़ने वाले छात्रों व आम यात्री की संख्या कलायत से काफी कम है। दर्शन, रोहताश शमर, अजय कुमार आदी का कहना है कि यदि इस रेल का कलायत में ठहराव कर दिया जाए तो चंडीगढ़ के अलावा मेंहदीपुर जाने वाले यात्रियों को बहुत ही सुविधा हो जाऐगी। उनका कहना था कि रेल के ठहराव के साथ साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। कलायत क्षेत्र से प्रतिदिन मेंहदीपुर बाला जी जाने वाले दर्जनों यात्री हैं। कलायत भी पौराणिक महत्व का स्थान है। कलायत में स्थित भगवान कपिल के पौराणिक मंदिर में दर्शन व तीर्थ में स्नान करने के लिए सैकड़ों लोग दूर दराज से आते हैं। यदि इस रेल का कलायत में ठहराव हो जाए तो कलायत में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में निश्चित तौर से इजाफा होगा व पर्यटन का बढ़ावा मिलेगा। इससे पूर्व कलायत के लोग रेल मंत्री, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को पत्र भेज रेल को ठहराव कलायत में करने की गुहार लगा चुके हैं,लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

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