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सरकारी स्कूल बंद करने व विज्ञान संकाय को समाप्त करने का निर्णय गलत: सरीन

हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ 70 संबंधित हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय प्रधान प्रदीप सरीन ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों को बंद करने का व विज्ञान संकाय समाप्त करने का निर्णय सरासर गलत है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 May 2019 10:51 AM (IST)Updated: Fri, 17 May 2019 10:51 AM (IST)
सरकारी स्कूल बंद करने व विज्ञान संकाय को समाप्त करने का निर्णय गलत: सरीन
सरकारी स्कूल बंद करने व विज्ञान संकाय को समाप्त करने का निर्णय गलत: सरीन

संवाद सहयोगी, गुहला-चीका : हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ 70 संबंधित हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय प्रधान प्रदीप सरीन ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों को बंद करने का व विज्ञान संकाय समाप्त करने का निर्णय सरासर गलत है। ये नौबत आना सिस्टम का फेल होना है न कि अध्यापकों का कोई दोष है।

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संघ के चेयरमैन कुलभूषण शर्मा ने कहा कि वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान के 15 विद्यार्थियों से कम संख्या होने का कारण विज्ञान संकाय का स्टाफ पर्याप्त नहीं है क्योंकि विज्ञान संकाय को बहुत ही कम विद्यार्थी लेते हैं। विभाग को इन विद्यालयों को बंद ना करके इनको सुदृढ़ करने पर विचार करना चाहिए। स्कूलों को बंद करना समस्या का हल नहीं है।

गरीब विद्यार्थी जो विज्ञान पढ़ना चाहता है, वह सरकारी स्कूल में जाकर विज्ञान संकाय में दाखिला लेता है क्योंकि निजी स्कूलों में बहुत अधिक शुल्क लिया जाता है। प्रांतीय प्रवक्ता रविन्द्र राणा ने बताया कि सरकारी स्कूलों में विज्ञान संकाय गरीब विद्यार्थियों को आगे बढ़ने में मदद करता है लेकिन शिक्षा विभाग विज्ञान को गरीबों की पहुंच से बाहर करना चाहती है। ना तो उनके पास पैसे होंगे और ना ही वह प्राइवेट स्कूलों में जाकर पढ़ सकेंगे।

छोटे-छोटे बच्चों के प्राइमरी स्कूलों को बंद करने के पीछे सरकार की नीयत शिक्षा को गरीबों से दूर करने की लग रही है। यदि गांव में विद्यालय ही नहीं होगा तो वह पढ़ेंगे कहां? उन विद्यालयों को भी बंद किया जा रहा है जहां बच्चों की संख्या 20 से कम है। एक किलोमीटर के क्षेत्र में कोई दूसरा स्कूल नहीं है, यह सरासर आरटीइ के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। संविधान तो घर-घर जाकर बच्चे को शिक्षित करने की प्रावधान करता है। इसे बुलंदियों तक पहुंचने की बजाय हमें यह स्थिति देखनी पड़ रही है कि को बंद किया जा रहा है।

इस अवसर पर उनके साथ जगदीप कालिया, रविन्द्र राणा, गुरमीत सिंह, साहिब सिंह, रविद्र राणा, संदीप शमर, सचिन, राजेश भट्ट बरवाला, हमीर सिंह, जसविद्र सिंह नारायणगढ़, जगदीश रेढू जींद, विक्रम सिंह भट्टी, सुनील कुमार, तलविदर शास्त्री, सुरेंद्र सैनी, प्रवेश धीमान, डॉ रामनिवास चीका मौजूद थे। -------------

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