चुराये गए गेहूं को बेचने के लिए 1600 रुपये प्रति क्विंटल में हुआ था सौदा
क्षेत्र में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के एक लाख 42 हजार 200 रुपये के गेहूं घोटाले ने सरकारी और निजी क्षेत्र के छह लोगों को कानूनी शिकंजे में जकड़ लिया। वर्तमान में गेहूं का सरकारी भाव 1975 रुपये है।
डा. राजेंद्र छाबड़ा. कलायत : क्षेत्र में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के एक लाख 42 हजार 200 रुपये के गेहूं घोटाले ने सरकारी और निजी क्षेत्र के छह लोगों को कानूनी शिकंजे में जकड़ लिया। वर्तमान में गेहूं का सरकारी भाव 1975 रुपये है। बताया जा रहा है विभाग के भंडारण स्थल से गेहूं के जो 145 कट्टे उठाए गए उनका सौदा करीब 1600 रुपये प्रति क्विंटल में हुआ था। इस मायने से 27 हजार रुपये का मुनाफा खरीदार को होना था। इसी अंक गणित ने चार सरकारी कर्मियों और एक निजी व्यवसाय से जुड़े कर्मी को ईमानदारी की डगर से भटका दिया। महत्वपूर्ण विषय यह भी रहा कि इस हाई-प्रोफाइल गेहूं स्कैम की जांच की आंच मंद नहीं पड़ी। पुलिस ने पेचीदा मामले की फास्ट ट्रैक पर जांच करते हुए दस दिन के समय अंतराल में उलझी गुत्थी को सुलझाते हुए आरोपितों पर शिकंजा कसा।
क्षेत्र में इस तरह का पहला मामला
क्षेत्र में यह ऐसा पहला मामला है, जिसमें खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के दो इंस्पेक्टर, दो चौकीदार, एक फ्लोर मिल प्रबंधक और निजी वाहन चालक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है। 10 अक्टूबर 2020 से शुरू हुए इस मामले का आंकलन किया जाए तो एसडीएम डा.संजय कुमार, कलायत थाना प्रभारी जयवीर सिंह ने साक्ष्यों को जुटाते हुए जांच की। एसडीएम की शिकायत पर 10 अक्टूबर को केस दर्ज हुआ था। इस दिन प्रशासनिक अधिकारियों ने रेड करते हुए निजी वाहन को कब्जे में लिया है। इसमें 145 कट्टों में 72 किवंटल गेंहू भरा गया था। अनाज को विभाग के गांव रामगढ़ पांडवा रोड स्थित भंडारण स्थल से लोड किया गया था। अनाज को फ्लोर मील तक पहुंचाने में कौन-कौन लोग जुड़े हैं? इसकी सच्चाई तक पहुंचना बेहद जरूरी था। इसलिए पुलिस जांच दल ने रामगढ़ रोड पर खाद्य एवं आपूर्ति भंडारण से करीब दो किलोमीटर दूरी पर स्थित फ्लोर मील के बीच के चप्पे-चप्पे को खंगालते हुए घोटाला के उजागर किया। इस मामले में और कितने लोग शामिल हैं, इसे लेकर पुलिस जांच कर रही है।