नागरिकता संशोधन अधिनियम का नहीं किया जाना चाहिए विरोध : मोखा
महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल एवं राष्ट्रीय सिख संगत की तरफ से नागरिकता संशोधन अधिनियम एवं राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के मुद्दे पर कार्यक्रम हुआ।
जागरण संवाददाता, कैथल : महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल एवं राष्ट्रीय सिख संगत की तरफ से नागरिकता संशोधन अधिनियम एवं राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के मुद्दे पर कार्यक्रम हुआ। मुख्य वक्ता के रूप में पहुंचे गुरुबचन सिंह मोखा ने कहा कि गुरुग्रंथ साहिब में सिख सम्प्रदाय के गुरु अर्जुन देव ने 15 भक्तों के वचनों को उल्लेखित किया है। गुरूनानक देव ने भी चारों युगों की चर्चा की है। सतयुग से पूर्व जब चारों और अंधेरा था, इसी अंधकार से एक विस्फोट हुआ। तब से संसार की रचना का आरम्भ माना गया, जो वेद की ऋचाओं से अभिप्रेरित माना जा सकता है। सतयुग जब नवयुवक जैसा हुआ तब राम आए और उन्होंने मर्यादा की रक्षा कैसे की जाती है, वह इस संसार के नवयुवकों को सीखा दिया। गुरुबचन सिंह मोखा ने कहा कि आज देश विषम परिस्थिति में है। फिर भी सीएए के विरोध की बजाय इसके समर्थन में ज्यादा लोग खड़े हैं। इसलिए हम सभी को इस बात को ध्यान रखना चाहिए कि सीएए मुसलमानों के विरूद्ध कोई षड्यंत्र नहीं है। सम्मानित वक्ता राकेश जैन ने सीएए के संबंध में कहा कि सम्पूर्ण देश इसके समर्थन में खड़ा है। इसके विरुद्ध कुछ राक्षसीय प्रवृति के लोग ही खड़े हैं। इस अवसर पर गुहला से पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर, महंत रामभज दास, श्याम बंसल, महाविद्यायल के प्राचार्य डॉ. ऋषिपाल बेदी मौजूद रहे।