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कोरोना महामारी से निराश्रित हुए बच्चों के पुनर्वास के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना बनेगी वरदान : डीसी

डीसी ने कहा कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा में नजदीकी केन्द्रीय विद्यालय निजी स्कूल में डे-स्कोलर के रूप में दाखिला और निजी स्कूल में दाखिला के लिए पीएम केयर्स से आरटीइ के तहत फीस वर्दी पाठ्यक्रमों व नोटबुक की सुविधा प्रदान की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 05:52 AM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 05:52 AM (IST)
कोरोना महामारी से निराश्रित हुए बच्चों के पुनर्वास के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना बनेगी वरदान : डीसी

कैथल, (वि.) : डीसी प्रदीप दहिया ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा कोरोना महामारी से निराश्रित हुए बच्चों के पुनर्वास और सहायता करने व सुरक्षित भविष्य देने के मकसद से शुरू की गई मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना वरदान साबित होगी। कोरोना महामारी में माता-पिता की मृत्यु के बाद अनाथ हुए बच्चों को इस योजना से बड़ी सहायता मिलेगी यानि इस योजना के तहत ऐसे सभी बच्चे, जिन्होंने अपने माता-पिता या उनका पालन पोषण करने वालों को खोया है उनको हरियाणा सरकार से आर्थिक सहायता मिलेगी।

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डीसी ने कहा कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा में नजदीकी केन्द्रीय विद्यालय, निजी स्कूल में डे-स्कोलर के रूप में दाखिला और निजी स्कूल में दाखिला के लिए पीएम केयर्स से आरटीइ के तहत फीस, वर्दी, पाठ्यक्रमों व नोटबुक की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसी प्रकार 11 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा के दौरान किसी भी आवासीय विद्यालय जैसे सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय, इत्यादि में दाखिला, निजी स्कूल में दाखिले के लिए पीएम केयर्स से आरटीइ के तहत फीस, वर्दी, पाठ्यक्रमों व नोटबुक की सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा दादा-दादी या विस्तारित परिवार की देखरेख में रहने वाले बच्चे को निकटतम केन्द्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में डे-स्कोलर के रूप में दाखिला दिया जाएगा।

डीसी ने बताया कि इस योजना के तहत उच्च शिक्षा के लिए सहायता के रूप में भारत में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों, उच्च शिक्षा हेतु शिक्षा ऋण दिलाने में बच्चे की मदद के साथ-साथ ऋण के ब्याज का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा। विभिन्न योजनाओं के तहत ऐसे बच्चों को स्नातक, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के शिक्षा शुल्क, पाठ्यक्रम शुल्क के बराबर छात्रवृत्ति तथा जो बच्चे मौजूदा छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत पात्र नहीं है, उनके लिए पीएम केयर्स द्वारा समकक्ष छात्रवृत्ति सुविधा दी जाएगी। इसके अतिरिक्त ऐसे सभी बच्चों को आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा के तहत पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जाएगा। 18 वर्ष की आयु तक के इन बच्चों के प्रीमियम की राशि का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कोविड महामारी के कारण अनाथ हुई लड़कियों को मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत 51 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।


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