ढलते सूर्य को दूध व जल का अर्घ्य देकर मांगी मन्नत
बिहार के सबसे लोकप्रिय बिहार के सबसे लोकप्रिय त्योहार को लेकर जन विकास सेवा समिति की ओर से कैथल के शीतलपुरी तालाब पर भव्य कार्यक्रम आयोजित कराया गया। शीतलपुरी तालाब पर सूर्यास्त के समय हजारों की संख्या में बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग समूह तौर पर एकत्र हुए। इसके बाद महिलाओं ने डूबते सूर्य को जल और दूध का अर्घ्य देकर छठी मैया की पूजा कर सुखमय जीवन की कामना की।
जागरण संवाददाता, कैथल : बिहार के सबसे लोकप्रिय त्योहार को लेकर जन विकास सेवा समिति की ओर से कैथल के शीतलपुरी तालाब पर भव्य कार्यक्रम आयोजित कराया गया। शीतलपुरी तालाब पर सूर्यास्त के समय हजारों की संख्या में बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग समूह तौर पर एकत्र हुए। इसके बाद महिलाओं ने डूबते सूर्य को जल और दूध का अर्घ्य देकर छठी मैया की पूजा कर सुखमय जीवन की कामना की। बता दें कि छठ पर्व का पहला दिन कार्तिक शुक्ल चतुर्थी नहाय-खाय के रूप में मनाया जाता है।
दूसरे दिन कार्तिक शुक्ल पंचमी को व्रतधारी दिनभर का उपवास रखने के बाद शाम को भोजन करते हैं। इसे खरना कहा जाता है। इस दौरान पूरे घर की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है। तीसरे दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी को दिन में छठ प्रसाद बनाया जाता है। प्रसाद के रूप में ठेकुआ, जिसे कुछ क्षेत्रों में टिकरी भी कहते हैं के अलावा चावल के लड्डू बनाते हैं। इसके अलावा चढ़ावे के रूप में लाया गया सांचा और फल भी छठ प्रसाद में शामिल होता है। शाम को पूरी तैयारी कर बांस की टोकरी में अर्घ्य का सूप सजाया जाता है। फिर व्रती के साथ परिवार तथा पड़ोस के सारे लोग अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने घाट की ओर चल पड़े और शीतलापुरी तालाब के किनारे सामूहिक रूप से अर्घ्य दान संपन्न किया।
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उगते सूर्य को अर्घ्य देकर
महिलाएं आज खोलेंगी व्रत
चौथे दिन कार्तिक शुक्ल सप्तमी की सुबह उगते सूर्य अर्घ्य देकर महिलाएं कच्चे दूध का शरबत पीकर तथा थोड़ा प्रसाद खाकर व्रत पूर्ण करेंगी। इसके लिए सभी व्रती पुन: तालाब किनारें इकट्ठा होंगी।
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समिति का तीसरा आयोजन
जन विकास सेवा समिति के प्रधान बीएन शास्त्री और सचिव डॉ. सजन राय ने बताया कि तीसरी बार यह भव्य आयोजन किया जा रहा है। तीन साल से वे लोग पूरी तैयारी के साथ कार्यक्रम करते हैं। तालाब को पूरी तरह सजाने के साथ रात भर सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे और भोजपुरी कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगी। पूरी रात भंडारा भी चलेगा।