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नंदीशाला की देखभाल राम भरोसे

गांव भैणीमाजरा स्थित नंदीशाला गांव भैणीमाजरा स्थित नंदीशाला की देखभाल अब राम भरोसे हो गई है। सोमवार को नंदीशाला के प्रधान सुरेश व उपप्रधान काबज ¨सह ने एडीसी को अपना लिखित इस्तीफा दे दिया है। दोनों पदाधिकारी पहले इस्तीफा देने के लिए डीसी कैंप कार्यालय गए थे, लेकिन वहां डीसी से मुलाकात नहीं हो सकी। वहां से सीधा एडीसी कैंप कार्यालय पहुंचे और इस्तीफा दे दिया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Aug 2018 10:37 PM (IST)Updated: Mon, 13 Aug 2018 10:37 PM (IST)
नंदीशाला की देखभाल राम भरोसे
नंदीशाला की देखभाल राम भरोसे

जागरण संवाददाता, कैथल : गांव भैणीमाजरा स्थित नंदीशाला की देखभाल अब राम भरोसे हो गई है। सोमवार को नंदीशाला के प्रधान सुरेश व उपप्रधान काबज ¨सह ने एडीसी को अपना लिखित इस्तीफा दे दिया है। दोनों पदाधिकारी पहले इस्तीफा देने के लिए डीसी कैंप कार्यालय गए थे, लेकिन वहां डीसी से मुलाकात नहीं हो सकी। वहां से सीधा एडीसी कैंप कार्यालय पहुंचे और इस्तीफा दे दिया। यह नंदीशाला प्रशासन और लोगों के सहयोग से चलाई जा रही है। जब से नंदीशाला बनी थी तभी से प्रधान और उपप्रधान यहां सेवा कर रहे थे।

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कुछ दिनों से नंदीशाला में अव्यवस्था फैली हुई है। गायों के लिए बैठने तक की जगह नहीं बची है। नंदीशाला में भारी मात्रा में कीचड़ फैला हुआ है, जिसमें धंस कर गाय रोजाना बीमार हो रही हैं। करीब दो से तीन गाय रोजाना कीचड़ के कारण दम तोड़ रही है। पानी निकासी का कोई साधन नहीं है। करीब 25 गाय बीमार हैं, जिनके बचने की संभावना भी कम ही हैं।

पदाधिकारियों ने बताया कि व्यवस्था ठीक करवाने के लिए कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से मिले, लेकिन हालात में कोई सुधार नहीं हुआ। समस्या का समाधान नहीं होने पर मजबूरी में इस्तीफा देना पड़ा।

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नंदीशाला में हैं 800 गाय

नंदीशाला में करीब 800 गाय हैं। रोजाना करीब 35 हजार रुपये का खर्च हो रहा है। आय का कोई साधन नहीं है और खर्चे ज्यादा हैं। पशुओं का चारा भी छह दिन का ही शेष है। अगर जल्द ही नंदीशाला में चारे की व्यवस्था नहीं हो सकी तो गाय भूख से भी मरने लगेंगी। लोगों से चंदा मांगकर चारे का इंतजाम किया जा रहा था। अगर चारा खत्म हुआ तो गायों पर संकट आ जाएगा।

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नंदीशाला के प्रधान रहे सुरेश ने बताया कि सोमवार को एडीसी कैंप कार्यालय में जाकर लिखित इस्तीफा दे दिया है। गाय की सेवा के लिए नंदीशाला की जिम्मेदारी ली थी। अब हालात खराब हो गए हैं। सेवा की बजाय पाप का भागीदार बनना पड़ रहा है। रोजाना दो से तीन गाय दम तोड़ रही हैं। प्रशासन कोई समाधान नहीं कर रहा था।

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डीसी सुनीता वर्मा ने बताया कि दोनों पदाधिकारी नंदीशाला को ठीक से संभाल रहे थे। दोनों से बातचीत की जाएगी और दोबारा से उन्हें जिम्मेदारी के लिए मनाया जाएगा। नंदीशाला में जो भी समस्या है, उसका समाधान करवा दिया जाएगा।


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