Move to Jagran APP

दो महीने में 4.50 लाख का बिल डकार गया कैशियर, सस्पेंड

उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम कलायत कार्यालय में तैनात एक कैशियर दो महीने में उपभोक्ताओं के साढे चार लाख 50 हजार 300 रुपये डकार गया। उपभोक्ताओं की शिकायत के बाद जब जांच करवाई तो यह घोटाला पकड़ में आया। प्राथमिक जांच में दोषी पाए जाने पर एक्सईएन भू¨पद्र ¨सह वधावन ने गांव मांडी कला निवासी कैशियर गो¨वद को सस्पेंड कर दिया है। सस्पेंड करने के साथ ही कर्मचारी के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करवाई गई है। एक्सईएन ने आशंका जताते हुए कहा है घोटाला बड़ा हो सकता है। अभी सिर्फ दो महीने का आडिट करवाया गया है। पूरा घोटाला कितने का है और कब से हो रहा यह जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 08:48 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 08:48 PM (IST)
दो महीने में 4.50 लाख का बिल  डकार गया कैशियर, सस्पेंड
दो महीने में 4.50 लाख का बिल डकार गया कैशियर, सस्पेंड

जागरण संवाददाता, कैथल : उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम कलायत कार्यालय में तैनात एक कैशियर दो महीने में उपभोक्ताओं के साढे चार लाख 50 हजार 300 रुपये डकार गया। उपभोक्ताओं की शिकायत के बाद जब जांच करवाई तो यह घोटाला पकड़ में आया। प्राथमिक जांच में दोषी पाए जाने पर एक्सईएन भू¨पद्र ¨सह वधावन ने गांव मांडी कला निवासी कैशियर गो¨वद को सस्पेंड कर दिया है। सस्पेंड करने के साथ ही कर्मचारी के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करवाई गई है। एक्सईएन ने आशंका जताते हुए कहा है घोटाला बड़ा हो सकता है। अभी सिर्फ दो महीने का आडिट करवाया गया है। पूरा घोटाला कितने का है और कब से हो रहा यह जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

loksabha election banner

बॉक्स

उपभोक्ताओं ने दी थी शिकायत

एक्सईएन ने बताया कि कुछ उपभोक्ताओं ने कलायत के एसडीओ भरत ¨सह को शिकायत की थी कि उनके पास पिछले भरे गए बिलों की रसीद है, लेकिन नए बिल में पिछली राशि जुड़कर आ रही है। जब आनलाइन चेक किया गया तो राशि पें¨डग दिखाई जा रही थी, जबकि उपभोक्ता के पास उस बिल के रसीद थी। शक होने पर आडिट करवाया तो यह घोटाला पकड़ में आया।

बॉक्स

ऐसे की गड़बड़ी

कैशियर बिजली निगम कलायत कार्यालय में एएलएम के पद पर कार्यरत था। पिछले कुछ वर्षों से वह बतौर कैशियर काम कर रहा था। उपभोक्ता बिल जमा करवाने आते थे तो वह उनसे पैसे लेकर बिल भरे जाने की रसीद दे देता था, लेकिन बाद में उस बिल को चालाकी से कंप्यूटर पर आनलाइन कैंसल कर देता था। रिकार्ड में कैशियर दोनों जगह पर बिल बकाया ही दिखाता था और कहीं एंट्री नहीं करता था।

बॉक्स

ना घबराएं उपभोक्ता : एसई

- बिजली निगम कैथल के एसई बीएस रंगा ने कहा कि जिन उपभोक्ताओं के पास बिल भरे जाने की रसीद है, उनको घबराने की जरूरत नहीं है। वह रसीद लेकर कार्यालय में आएं संबंधित राशि को उनके खाते में क्रेडिट कर दिया जाएगा। जो भी घाटा हुआ है विभाग को हुआ। जांच पूरी होने पर पुलिस के माध्यम से कर्मचारी से वसूली के प्रयास रहेंगे, लेकिन इसमें समय लग सकता है और यह पुलिस की कार्रवाई पर निर्भर करता है।

बॉक्स

पहले ई-पे के दौरान हुई थी गड़बड़ी

- इस तरह का यह जिला में पहला मामला है। इससे पहले ई-पे में जरूर गड़बड़ी हुई थी। ई-पे कर्मचारियों ने उपभोक्ताओं की रसीद काट दी थी, लेकिन पैसा विभाग के खाते में जमा नहीं हुआ था। इसके कारण उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ा था। बाद में कंपनी ने यह पैसा जमा करवा दिया था।

बॉक्स

कलायत थाना प्रभारी रामकिशन ने बताया कि विभाग की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.