आफत के बाद यात्रियों को मिली राहत
जागरण संवाददाता, कैथल : पिछले चार दिनों से हड़ताल पर गए रोडवेज कर्मचारियों की सरकार
जागरण संवाददाता, कैथल : पिछले चार दिनों से हड़ताल पर गए रोडवेज कर्मचारियों की सरकार ने मांगें मान ली हैं। इसके बाद कर्मचारियों ने बृहस्पतिवार शाम को हड़ताल खोल दी है। रोडवेज बसों के सड़कों पर दौड़ने के बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली है। वहीं कर्मचारियों ने बस अड्डा परिसर में दिए जा रहे धरना स्थल पर एकत्रित होकर इसे कर्मचारियों की जीत बताते हुए खुशी जाहिर की है। सरकार द्वारा सस्पेंड किए गए पांच कर्मचारियों को पुन: बहाल करने पर खुशी जताते हुए फूल मालाओो से उनका स्वागत किया।
कर्मचारी नेता लखपत ¨सह, राजबीर भाणा, महीपाल राणा, रामचरण शर्मा, सतनाम ¨सह, धर्मेंद्र कुमार, ज्ञानचंद, श्याम लाल कल्याण, निशान ¨सह ने बताया कि चंडीगढ़ में स्टेट यूनियन के नेताओं के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ वार्ता हुई थी। कई घंटों तक चली वार्ता में सरकार व कर्मचारियों के बीच समझौता हो गया है। सरकार ने परमिट जारी करने का फैसला वापस ले लिया है। अब कर्मचारियों ने हड़ताल खोलने का निर्णय लिया है। कर्मचारियों ने कहा कि हम हड़ताल अपने लिए नहीं, बल्कि जनता के हितों के लिए कर रहे हैं। सरकार परमिट जारी कर विभाग का निजीकरण करना चाहती है जो वे किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेंगे।
सातों यूनियन कर्मचारियों
ने लिया हिस्सा
रोडवेज हड़ताल में सभी सातों यूनियन के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। इनमें रोडवेज कर्मचारी यूनियन हरियाणा (महासंघ)
-हरियाणा रोडवेज वर्कर यूनियन (सर्व कर्मचारी संघ)
-हरियाणा परिवहन कर्मचारी संघ (बीएमएस)
-क्लेरिकल एसोसिएशन हरियाणा
-ऑल हरियाणा रोडवेज वर्कर यूनियन
-हरियाणा संयुक्त कर्मचारी संघ
-हरियाणा रोडवेज यूनियन (इंटक)
इन विभागों के कर्मचारियों ने दिया समर्थन
रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल का कई विभागों के कर्मचारियों ने भी समर्थन किया। बैसाखी पर्व पर सरकारी अवकाश होने के कारण कर्मचारियों की संख्या और दिनों की बजाए बृहस्पतिवार को ज्यादा नजर आए। इनमें बिजली कर्मचारी, आंगनबाड़ी वर्कर यूनियन, जिला किसान सभा, मजदूर एवं हेल्पर यूनियन सहित अन्य विभागों के कर्मचारियों ने हड़ताल में शामिल होते हुए सरकार के खिलाफ रोष जताया।
निजी वाहनों में सफर
करने पर रहे मजबूर
रोडवेज कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। दिनभर यात्री भटकते नजर आए। खासकर महिलाएं हाथों में बैग व छोटे-छोटे बच्चों की उंगली पकड़कर कभी उधर तो कभी उधर भागते दिखाई दी। यहां तक की भीड़ ज्यादा होने पर बसों की छतों पर सफर करने पर महिलाएं मजबूर रही। हिसार जाने के लिए बस अड्डा परिसर के बाहर खड़ी महिला संतोष ने बताया कि दो दिनों से यहां अपने मायके में आई थी। जब हड़ताल नहीं खुली तो बस अड्डा निजी वाहनों में सफर करने के लिए पहुंची। इसी प्रकार अन्य यात्री भी निजी वाहनों में सफर करने पर मजबूर रहे। प्राइवेट बस, मैक्सी कैब यहां तक ऑटो चालक भी पिहोवा, कुरूक्षेत्र, गुहला, राजौंद, नरवाना व नि¨सग तक सवार उठाकर चलते दिखाई दिए। निजी वाहनों में जान-जोखिम में डालकर सफर करने वाले यात्री सरकार व विभाग को कोसते नजर आए।
बस अड्डा के बाहर
रही जाम की स्थिति
रोडवेज कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद जहां बस अड्डा सुनसान नजर आया, वहीं बाहर जाम की स्थिति बनी रही। प्राइवेट बस सहित अन्य निजी वाहन चालकों ने बस अड्डा के बाहर से सवारियों उठाकर जमकर चांदी कूटी। कैथल से कुरूक्षेत्र जाने वाली रेलगाड़ी में भी यात्रियों की खासी भीड़ रही।