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घूंघट के खिलाफ बीटेक महिला सरंपच ने छेड़ी मुहिम

पंकज आत्रेय, कैथल घूंघट को लेकर छिड़े नए विवाद के बीच कैथल के ककराला कुचियां गांव

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Jul 2017 01:01 AM (IST)Updated: Tue, 04 Jul 2017 01:01 AM (IST)
घूंघट के खिलाफ बीटेक महिला सरंपच ने छेड़ी मुहिम
घूंघट के खिलाफ बीटेक महिला सरंपच ने छेड़ी मुहिम

पंकज आत्रेय, कैथल

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घूंघट को लेकर छिड़े नए विवाद के बीच कैथल के ककराला कुचियां गांव की इंजीनियर सरपंच प्रवीण कौर इस प्रथा के खिलाफ मुहिम पर निकली हैं। वे खुद बीटेक हैं और चाहती हैं कि गांव की हर लड़की पढ़-लिखकर देश की तरक्की में भागीदार बने। अपने गांव ही नहीं, प्रदेश की लड़कियों को वे इस अभियान से जोड़ना चाहती हैं।

अपने गांव को स्मार्ट सिटी की तर्ज पर स्मार्ट विलेज बनाने का मिशन लेकर चल रही हैं। इसके लिए वे सोमवार को अतिरिक्त उपायुक्त कैप्टन शक्ति ¨सह से मिली और अपना विजन व मिशन साझा किया। बताया कि उनके गांव में कोई स्कूल नहीं है। लिहाजा प्राथमिकता बेटियों के लिए शिक्षा उपलब्ध करवाने की है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ नारे को प्रवीण कौर ने अब बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ-बेटी को आगे बढ़ाओ कर दिया है। उन्होंने कहा कि बचाने और पढ़ाने के बाद उन्हें घूंघट से निकालकर दुनिया में खुद को साबित करने का मौका भी दिया जाए। तभी इस अभियान को सार्थक कहा जा सकता है। ग्रामीण अंचल में महिलाओं की अनपढ़ता सबसे बड़ा पिछड़पेन का कारण है। घूंघट के नाम पर उनके साथ हमेशा भेदभाव होता रहा है। अतिरिक्त उपायुक्त ने प्रवीण कौर को गुजरात के गांव पुंसरी के विकास का मॉडल दिखाया ताकि वे इसी तर्ज पर काम करा सकें।

यूं खींचा विकास का खाका

इंजीनियर सरपंच प्रवीण कौर ने गांव के विकास के लिए खाका तैयार किया है। गंदे पानी की निकासी, सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट, स्कूल, सोलर ऊर्जा प्लांट से स्ट्रीट लाइट, गांव की हर गली में सीसीटीवी लगाने और लड़कियों को आत्म निर्भर बनाने के प्रोजेक्ट पर काम करने जा रही हैं। उनके सामने चुनौती है कि पंचायत के पास जमीन का अभाव होने से आय का कोई साधन नहीं है। उनके पिता मित्ता राम ने बताया कि सीसीटीवी के लिए 11 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। खुले में शौचमुक्त गांव पहले ही हो चुका है।

प्रधानमंत्री कर चुके सम्मानित

आठ मार्च को गुजरात के शहर गांधीनगर में आयोजित स्वच्छ शक्ति-2017 कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरपंच प्रवीण कौर को सम्मानित किया था। यह सम्मान उन्हें गांव को खुले में शौच मुक्त करने के दिया गया था।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कैथल प्रवास के दौरान उन्होंने भी इस युवा सरपंच की सोच को सराहा।


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