करनाल रोड फाटक के आरओबी को फिर ब्रेक, अब रेल लाइन होगी एलीवेटेड
लघु सचिवालय के पास करनाल रोड रेलवे फाटक पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल की घोषणा के तहत बनने वाले ओवरब्रिज पर एक बार फिर ब्रेक लग गए हैं। पहले आसपास के दुकानदारों व रिहायशी कॉलोनी के लोगों ने इसका विरोध जताया था। उसी के मद्देनजर सरकार ने अब रेलवे ओवरब्रिज बनाने के बजाय शहर के अंदर आने वाली रेलवे लाइन को एलिवेट करने की संभावनाएं तलाशना शुरू कर दिया है।
जागरण संवाददाता, कैथल : लघु सचिवालय के पास करनाल रोड रेलवे फाटक पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल की घोषणा के तहत बनने वाले ओवरब्रिज पर एक बार फिर ब्रेक लग गए हैं। पहले आसपास के दुकानदारों व रिहायशी कॉलोनी के लोगों ने इसका विरोध जताया था। उसी के मद्देनजर सरकार ने अब रेलवे ओवरब्रिज बनाने के बजाय शहर के अंदर आने वाली रेलवे लाइन को एलिवेट करने की संभावनाएं तलाशना शुरू कर दिया है।
बता दें कि भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य राव सुरेंद्र ¨सह की ओर से आयोजित रैली में मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस ओवरब्रिज की घोषणा की थी। इस पर 50 करोड़ रुपये की लागत आनी है, जिसमें से आधा बजट प्रदेश सरकार और आधा केंद्रीय रेल मंत्रालय ने देना है। इस राशि को सैंक्शन मिल चुकी है। पीडब्ल्यूडी एसई सुभाष भांबू ने इसकी पुष्टि की।
तकनीकी पेंच अड़ा
भांबू ने बताया कि रेल पटरी को एलिवेट करने के लिए 1:6 का स्लोप चाहिए होता है। शहर के बीचोंबीच गुजर रही पटरी पर यह संभव नहीं है। दूसरे दोनों रेलवे स्टेशनों के बीच की दूरी भी अधिक नहीं है। यह भी एक कारण है कि एलिवेशन में तकनीकी पेंच अड़ा है। इस बारे में रेलवे एक्सईएन और चीफ इंजीनियर से मौखिक रूप से बातचीत हुई है। केस बनाकर सरकार को भेजा जाना है। सरकार के मौखिक आदेशों पर ही फिलहाल आरओबी के काम के बजाय पटरी एलिवेट करने की संभावनाएं तलाश रहे हैं।
आरओबी का हुआ था विरोध
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद इस पुल के निर्माण को लेकर सड़क पर दोनों तरफ के दुकानदारों व आस-पास की कॉलोनियों के लोगों ने इसका विरोध किया था। लोगों का कहना है कि अब यहां रेलवे फाटक चौड़ी हो गई है। इसलिए इस पुल की कोई आवश्यकता नहीं है। डबल फाटक होने के बाद जाम की समस्या का समाधान हो गया है। बिना जरूरत के पुल बनता है तो आस-पास के सैकड़ों लोगों की रोजी-रोटी प्रभावित हो सकती है।
गांव टीक का आरओबी 900 मीटर लंबा बनेगा
टीक गांव से पहले बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की ड्राइंग भी पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। इसकी लंबाई करीब 900 मीटर होगी। यह आरओबी बनने से रोज कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, हरिद्वार, सिरसा, हिसार व राजस्थान जाने वाले हजारों वाहन चालकों को इसका लाभ मिलेगा। इस पर करीब 25 करोड़ रुपये की लागत आएगी।